जसपुर : डीएम ने किया अस्पताल व तहसील का औचक निरीक्षण, एसडीएम को दिये 3 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश

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पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद): डीएम उदय राज सिंह ने तहसील कार्यालय पहुंचकर औचक निरीक्षण किया और जाति, स्थाई, आय, मूल निवास प्रमाण पत्र सहित खतौनी आदि जनता को समय से निर्गत करने के लिए तहसीलदार को दिशा निर्देश दिए।

सोमवार को तहसील कार्यालय में पहुंचकर जिला अधिकारी ने मुकदमे, खतौनी, जाति, स्थाई प्रमाण पत्र आदि की जानकारी ली। डीएम ने यह भी मालूम किया की जाति और स्थाई प्रमाण पत्र जनता को कितने दिन में निर्गत किए जाते हैं और इसकी क्या प्रक्रिया है। इस संबंध में तहसीलदार शुभांगिनी ने बताया कि स्थाई प्रमाण के लिए उत्तराखंड में 15 साल एवं जाति प्रमाण पत्र के लिए 40 साल का रिकॉर्ड देने पर दोनों ही प्रमाण पत्र निर्गत किये जाते हैं। डीएम ने तहसील कोर्ट में चल रहे लंबित विवादों का निस्तारण शीघ्र ही करने, किसानों को प्रतिदिन खतौनी उपलब्ध कराने तथा जाति, स्थाई व आय प्रमाण पत्रों को समय पर निर्गत करने के निर्देश तहसीलदार को दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। जनता की समस्या का निस्तारण समय पर किया जाये। इसके पश्चात डीएम ने जसपुर तहसील, वरिष्ठ वितरण व एसडीएम कार्यालय का निरीक्षण किया।

इसके बाद जिला अधिकारी उदय राज सिंह ने सरकारी अस्पताल का भी औचक निरीक्षण कर अस्पताल के सभी वार्डों, ओपीडी, दवाइयों एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने ओपीडी में मरीजों को देख रहे डॉक्टरों से मरीजों की संख्या एवं बीमारियों से संबंधित जानकारियां लीं। साथ ही मरीजों से अस्पताल से दवाइयां मिलने के बारे में पूछा।

डीएम ने बताया कि सरकारी अस्पताल जसपुर में बीमारियों से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होने के कारण यहां से मरीजों को बाहर भेजा जा रहा है। इस संबंध में जिला मुख्यालय पहुंचकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जानकारी हासिल कर संबंधित बीमारियों के डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए 24 घंटे बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने एवं जनरेटर की व्यवस्था तथा मरीजों को किसी भी प्रकार की असुविधाएं न हो इसके लिये सीएमएस डॉक्टर हितेश शर्मा को दिशा निर्देश दिए।

डीएम ने शिकायतों का निपटारा करने के लिए 3 दिन बाद अस्पताल में जाकर दवाइयों का स्टॉक, ओपीडी में मरीजों को ठीक प्रकार से मिल रही सुविधाओं व दवाइयों एवं लाइट व्यवस्था का जायजा लेकर उनको रिपोर्ट करने के लिए एसडीएम सीमा विश्वकर्मा को निर्देश दिए।

बता दें कि तीन दिन पूर्व सरकारी अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में तीन महिलाएं अपने नवजात शिशुओं को लेकर भर्ती थी और कक्ष में अंधेरा होने की वजह से तीमारदारों ने कक्ष में लाइट व्यवस्था दुरुस्त कराने एवं बल्ब लगाने के लिए अस्पताल कर्मियों से कहा, लेकिन किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी। इसकी शिकायत तीमारदारों ने विधायक आदेश चौहान से की तो उन्होंने अस्पताल पहुंचकर जच्चा बच्चा कक्ष में अंधेरा देख तुरंत अस्पताल प्रशासन को बुला कर लाईट व्यवस्था को सुचारू कराया था। साथ ही अस्पताल में लाइट व्यवस्था ठीक प्रकार से न होने की डीएम से फोन पर शिकायत की थी। जिलाधिकारी ने बताया कि विधायक आदेश चौहान ने दूरभाष पर उनसे शिकायत की थी। जिलाधिकारी ने आश्वासन देते हुए कहा कि जल्दी ही सारी व्यवस्थायें दुरुस्त की जाएंगी।

वहीं, जसपुर तहसील, एसडीएम कोर्ट एवं सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी उदय राज सिंह को पूर्व विधायक डॉक्टर शैलेंद्र मोहन सिंघल ने तहसील के नए भवन के लिए मेट्रो अस्पताल के पास आवास विकास परिषद की खाली पड़ी भूमि का निरीक्षण कराया। पूर्व विधायक डॉक्टर सिंघल ने डीएम को संबंधित विभागों की मूलभूत समस्याओं से अवगत कराया। जिसका डीएम ने संज्ञान लिया।

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