पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : शीतकालीन सत्र से लौटे विधायक आदेश चौहान ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों की उपेक्षा कर रही है।
शुक्रवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान विधायक आदेश सिंह चौहान ने कहा कि शीतकालीन सत्र 8 दिन था तथा 5 दिन चलना था, लेकिन मात्र 2 दिन ही चल पाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष मैं बैठे लगभग 23 विधायकों को अपनी बात कहने का मौका ही नहीं मिल सका। जो क्षेत्र के विकास को बाधित करता है।
विधायक ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र की समस्या को देखते हुए पतरामपुर में कॉर्बेट पार्क के लिए गेट खोले जाने की बात को वन मंत्री से उठाया जिसका गोलमोल जवाब दे दिया गया। नहर की साफ-सफाई तथा मरम्मत करने, गुलदार के प्रकोप से हुई घटनाओं पर अंकुश लगाने, नशे पर अंकुश लगाने, फीका नदी तथा ढेला नदी पर पक्का स्थाई पिचिंग कराने आदि की मांग उठाई गई। जिस पर गोलमोल जवाब देकर के पल्ला झाड़ लिया गया। विधायक ने कहा कि उनके द्वारा पूर्व में लगाए गए धान के मूल्य में वृद्धि को लेकर मात्र 100 रुपये बढ़ाए गए हैं, जो कि किसानों की लागत से कम है। बंटी तथा वीरपाल निवासी सरवरखेड़ा के घर में लगी आग से हुए भारी नुकसान के तहत मुआवजे के तौर पर मात्र 13-13 हजार रुपए दिए गए हैं। जो नुकसान से काफी कम है।
वहीं, विधायक द्वारा शीतकालीन सत्र में उठाए गए सवालों का हवाला देते हुए पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल ने कहा कि निजी स्वार्थ को साधने के लिए विधायक विधानसभा का सहारा ले रहे हैं।
शुक्रवार को पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि शीतकालीन सत्र में पुलिस पर 12 लाख रुपए तथा मुझ पर 50 हजार रुपए लेने के आरोपों को विधायक द्वारा पैसा देने वालों के नाम उजागर कर एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। जिससे दोषी को सजा मिले। सिंघल ने कहा कि विधानसभा में आरोप लगाने के बजाय विधायक को एसआईटी गठित करा कर मामले की जांच करानी चाहिए थी।
सिंघल ने कहा कि 17 नवंबर को चीनी मिल नादेही के उद्घाटन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे कृषि मंत्री सौरभ बहुगुणा के कार्यक्रम में तो प्राइवेट गनर पर मंत्री द्वारा आपत्ति जताए जाने पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई। पुलिस द्वारा प्रधान पति पर लगाई गई गंभीर धाराओं आदि को विधानसभा में उठाया गया, जो लोकतंत्र के मंदिर तथा अपने पद का दुरुपयोग है। कहा कि विधायक विधानसभा में निजी मुद्दों को ना रखकर क्षेत्र के विकास के मुद्दों को रहकर क्षेत्र का विकास करें तो जनता के हित में रहेगा।