खाटूश्यामजी मेले में लगेगा हाथ पर ‘ठप्पा’, विधायक ने मुख्यमंत्री से की पाबंदी हटाने की मांग

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आकाश गुप्ता
सीकर (महानाद) : खाटूश्यामजी का वार्षिक लक्खी मेला 6 मार्च से शुरू होने जा रहा है। 10 दिवसीय मेले में इस बार भी कोरोना कालीन पाबंदियां जारी रहेंगी। ऑनलाइन पंजीकरण, कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट व वैक्सीनेशन की दोनों डोज के आधार पर हाथ पर लगी सील से ही श्रद्धालुओं को मेले में प्रवेश मिल सकेगा।

इस बीच मेले में पाबंदियों का विरोध भी शुरू हो गया है। स्थानीय व्यापारियों व श्रद्धालुओं के अलावा दांतारामगढ़ विधायक चौधरी वीरेन्द्र सिंह ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है। विधायक ने मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलौत को पत्र लिखा है। जिसमें हर क्षेत्र में हट चुकी कोरोना की पाबंदियों को मेले में भी हटाने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक ने मेले में भजन- कीर्तन व भंडारों पर लगी पाबंदी हटाने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि मुख्य मेला पिछली बार की तरह इस बार भी कोरोना वायरस की कुछ पाबंदियों के साथ भरने जा रहा है। जिसमें श्याम भक्तों के रात्रि के समय होने वाले भजन कीर्तन व भंडारों पर पाबंदियां लगाई गई है। चूंकि इस बार स्थिति ठीक है और अधिकांश लोगों ने कोविड-19 टीकाकरण भी करवा लिया है। ऐसे में प्रदेश में हटी अधिकतर पाबंदियों की तरह फाल्गुनी मेले में भी भजन- कीर्तन और भंडारों की पाबंदी हटाई जाए। इससे श्याम भक्तों की खुशी बढ़ जाएगी। विधायक ने ऑनलाइन पंजीकरण व कोराना टेस्ट रिपोर्ट की बाध्यता को भी खत्म करने की पैरवी की।

उधर, बैठक मेले की तैयारी को लेकर एडीएम धारा सिंह मीणा ने बृहस्पतिवार को खाटूश्यामजी में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने मेले की व्यवस्थाओं को लेकर विभागों के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में तय हुआ कि मेले में श्रद्धालुओं की कोरोना जांच के लिये तीन जगह शिविर लगाए जाएंगे। जहां निरीक्षण के बाद श्याम भक्तों के हाथ पर सील ‘ठप्पा’ लगाने के बाद ही उन्हें मेले में प्रवेश दिया जाएगा। बैठक में श्याम भक्तों के लिए 400 अस्थाई व 150 मोबाइल शौचालय बनाने, उनके रहने- ठहरने, सफाई, आवारा पशुओं को पकडऩे सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।

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