विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : महान क्रांतिकारी अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर देशभक्ति से ओतप्रोत भव्य काव्यांजलि का आयोजन श्याम माॅडर्न जूनियर हाईस्कूल द्वारा आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय एथलीट उत्तराखंड एथलेटिक्स सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन विजेंद्र चैधरी, विद्यालय की प्रधानाचार्या शालिनी शर्मा, अमित कुमार शर्मा, सुरेश शर्मा, क्लीन एंड ग्रीन संस्था के अध्यक्ष सर्वेश बंसल एवं ओज कवि अनिल सारस्वत द्वारा मां सरस्वती एवं चंद्रशेखर आजाद के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर एवम माल्यार्पण कर शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अमित कुमार शर्मा एवं संचालन अनिल सारस्वत ने किया।
सर्वप्रथम कुमारी अनुश्री भारद्वाज के द्वारा मां सरस्वती की मधुर कंठ से वंदना एवम शहीदों का वन्दन, शेष कुमार सितारा के द्वारा ओजपूर्ण काव्य पाठ, वेद प्रकाश विद्यार्थी भैया द्वारा शहीदों का वन्दन, सोमपाल प्रजापति, रामप्रसाद अनुरागी द्वारा शहीदों का वन्दन, बालकवि कर्तव्य गौड़ द्वारा शहीदों को नमन, ओज कवि अनिल सारस्वत द्वारा देश के जवानों एवं शहीदो को ओजपूर्ण काव्यपाठ से नमन किया गया।
अन्त में मुख्य अतिथि विजेंद्र सिंह चैधरी, विद्यालय की प्रधानाचार्या शालिनी शर्मा, सुरेश शर्मा, क्लीन ग्रीन संस्था के अध्यक्ष सर्वेश बंसल, प्रचार सचिव मनीष सपरा, वीरेंद्र गर्ग, रमा गर्ग, अमित कुमार शर्मा एवं अनिल सारस्वत द्वारा सभी काव्य मनीषियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। स्मृति चिन्ह के रूप में डायरी एवम पैन सुरेश शर्मा द्वारा प्रदान किये गये।
काव्यांजलि में अरविंद वर्मा, मनोज कुमार शर्मा, तेजस्व गौड़, रागिनी शर्मा, तनुश्री भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।
काव्यांजलि में पढ़ी गई कुछ कवितायें –
1.मोह माया का अन्त नही अन्त स्वयं हो जाना है ।
कर ले कुछ भी जतन यार सब यही खत्म हो जाना है।
-राम प्रसाद अनुरागी
2. भारत मां की रक्षा करते करते जो कुर्बान हो गए
यूं ही नहीं वह भारत मां के शेर ए हिंदुस्तान हो गए
-सोमपाल सिंह प्रजापति
3. आजाद नाम आजाद रहे वह
चंद्रमा का प्रकाश उनका
-विद्यार्थी भैया
4. हर एक की धमनियों में मातृभूमि गान हो
क्रांतिकारी देश के उनका भी तो सम्मान हो
-अनुश्री भारद्वाज
5. आओ मिलकर दीप जलाएं कर ले मां की आरती
एक साथ सब मिलकर बोलो जय भारत जय भारती
-शेष कुमार सितारा
6. वीरों के मां-बाप अगर मर जाएं भूख प्रयासों में
फिर कैसी आजादी है आजाद यह तेरे भारत में
-अनिल सारस्वत