अजमेर (महानाद) : पुलिस ने मौलाना मोहम्मद माहिर हुसैन की हत्या का खुलासा करते हुए 6 नाबालिगों को संरक्षण में लिया है। मौलाना की हत्या नकाबपोश बदमाशों ने नहीं बल्कि मदरसे में रहने वाले 6 नाबालिगों ने की थी। दरअसल, मौलाना अपने मोबाइल पर छोटे बच्चों को अश्लील वीडियो दिखाकर उनके साथ कुकर्म करता था। उसकी यातनाओं और घिनौने कारनामों से तंग आकर 6 नाबालिगों ने उसकी हत्या कर दी।
मौलाना की हत्या का खुलासा करते हुए एसपी देवेन्द्र कुमार विश्नोई ने बताया कि 26 अप्रैल की रात को दौराई कंचन नगर स्थित मौहम्मदी मस्जिद के इमाम उत्तर प्रदेश के रामपुर के शाहबाद निवासी मौहम्मद माहिर हुसैन की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त मौलाना के साथ कमरे में 6 नाबालिग बालक भी सो रहे थे। उन्होंने बताया कि 3 नकाबपोशों ने मौलाना की हत्या की है। जिसके बाद रामगंज थाना पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर बच्चों से सख्ती से पूछताछ की तो पूरी सच्चाई सामने आ गई। इसके साथ ही मौलाना के घिनौने कृत्य का राज भी खुल गया। मौलाना मौहम्मद माहिर हुसैन की हत्या मस्जिद के मदरसे में पढ़ने वाले यूपी निवासी 6 विधि से संघर्षरत बालकों ने की है। उनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल की गई रस्सी, इमाम का मोबाइल बरामद कर लिया गया है। वारदात में 6-16 साल तक के बाल अपचारी शामिल हैं, जो वारदात के बाद मनगढ़ंत कहानी सुनाकर पुलिस को गुमराह कर रहे थे।
एसपी देवेन्द्र विश्नोई ने बताया कि हत्या के तमाम तथ्यों को खंगालने के बाद चश्मदीद बच्चों को दायरे में लेकर पड़ताल की तो सारी कहानी सामने आ गई। दो बाल अपचारियों ने हत्या कीे वारदात को अंजाम देना कबूल लिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि मौलाना माहिर 5 बालकों के साथ दो साल से अश्लील वीडियो दिखाकर उनके साथ कुकर्म कर रहा था।
उन्होंने बताया कि रमजान में गांव जाने के बाद मौलाना एक और बालक को लेकर लाया। उसने 25 अप्रैल को उसके साथ भी कुकर्म का प्रयास किया तो उसने शिकायत की धमकी दी। जिस पर मौलाना ने उसे चुप रहने के लिए पैसे का लालच दिया। बालक ने अपने साथियों को मौलाना की हरकत बताई। उन्होंने बताया कि यूपी के रामपुर से लौटने के बाद भी मौलाना ने उनके साथ कुकर्म किया। जिसके बाद सबने 26 अप्रैल की रात को मौलाना को मारने की साजिश रच डाली।
जिसके बाद बाल अपचारियों ने 26 अप्रैल को मौलाना की हत्या के लिए पहले चूहे मारने की दवा लाने का षड़यंत्र रचा लेकिन मेडिकल स्टोर से नींद की गोलियां ही खरीद पाए। 26 अप्रैल को मौलाना रात के 10 बजे बाहर खाना खाकर लौटा तो उन्होंने रायते में नींद की गोलियां मिलाकर उसे रायता पिला दिया। जिससे कुछ देर में मौलाना को नींद आ गई। इसके बाद उन्होंने मस्जिद के कबाड़ में रखा डंडा उठाकर मौलाना के सिर पर दे मारा। मौलाना ने उठकर बचने का प्रयास किया तो सबने मिलकर उसके गले में रस्सी का फंदा डालकर सांस बंद होने तक कसे रखा।
अपनी करतूत पर पर्दा डालने के लिए वारदात के चश्मदीद 6 बच्चों ने पुलिस को बताया कि काले कपड़े में 3 नकाबपोश आये थेे। उनमें से एक नकाबपोश ने उन्हें धमकाते हुए कमरे से बाहर निकलने पर जान से मारने की धमकी दी थी। कमरे में मौजूद दो नकाबपोश मौलाना की हत्या कर मस्जिद की पिछली दीवार फांद कर खून में सना हुआ डंडा छोड़कर फरार हो गए। इसके बाद वे पड़ोस में रहने वाले मौलाना सरफराज को बुलाकर लाए। पुलिस भी इन बालकों की बात पर विश्वास कर 15 दिन से तीन नकाबपोशों की तलाश में जुटी रही।
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