मध्य प्रदेश में बना भारत का पहला 29 किमी लंबा साउंड प्रूफ-जर्क फ्री हाइवे

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सिवनी (महानाद) : मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में देश पहला 29 किमी लंबा साउंड प्रूफ हाइवे बनाया गया है। इसके निर्माण में लगभग 960 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है। यहां से गुजरने वाले लोग हाइवे पर रुककर तस्वीर खिंचाते हैं। इस हाइवे पर गाड़ियां हवा से बात करती हैं। लेकिन इन गाड़ियों का शोर हाइवे के नीचे नहीं सुनाई देता है।

बता दं कि एमपी के सिवनी से होते हुए नागपुर की तरफ जाने वाली 29 किमी लंबी लड़क को पूरी तरह साउंड प्रूफ बनाया गया है। विगत 16 सितंबर को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एनएच-44 पर इसका लोकार्पण किया। यह हाइवे तकनीक और इंजीनियरिंग की शानदार मिसाल है। यह हाइवे गाड़ियों की आवाजाही के लिए है तो वहीं हाइवे के नीचे जंगली जानवरों के गुजरने के लिए ऐनिमल अंडरपास बनाए गए हैं।

विदित हो कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ साल पहले कहा था कि हमारे यहां की सड़कें बेहतर हैं। सिवनी में इस हाइवे से गुजरने के बाद आपको कुछ ऐसा ही महसूस होगा। शानदार सड़क, सड़क के दोनों तरफ जंगल के नजारे के बीच सफर लोगों को जन्नत सा एहसास देता है। अच्छी सड़क होने की वजह से लोगों को दूरी तय करने में समय भी कम लग रहा है।

बता दें कि हाइवे का 29 किमी का हिस्सा पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन से होकर गुजरता है। यहां से जानवरों की आवाजाही है। हाइवे से गुजरने के दौरान जानवरों के साथ-साथ लोगों को भी खतरा बना रहता है। ऐसे में जानवरों की सुरक्षा और उनकी सुविधा का ख्याल रखते हुए इस साउंड प्रूफ हाइवे का निर्माण किया गया है ताकि लोगों के साथ-साथ जंगली जानवरों को कोई परेशानी नहीं हो। इसलिए इस हिस्से को बनाने में लगभग 960 करोड़ रुपये की लागत आई है।

मोहगांव से खवासा के बीच 3145 मीटर लंबाई के 14 अंडरपास बनाए गए हैं ताकि पेंच टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी आसानी से विचरण कर सकें। हाइवे पर चलने वाली गाड़ियों की आवाज और लाइट वन्यजीवों को डिस्टर्ब ना करे। इसके लिए भी फोरलेन सड़क के दोनों किनारों पर साउंड बैरियर और हेडलाइट रिड्युसर लगाकर 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवार खड़ी की गई है।

इस हाइवे पर एक भी गड्ढा नहीं है। कहीं भी आपको जरा सा जर्क महसूस नहीं होगा। जानवरों की सुरक्षा के मद्देनजर इसके निर्माण में काफी देर हुई। वन और पर्यावरण विभाग ने तब तक इस हाइवे के निर्माण की मंजूरी नहीं दी, जब तक एनएचएआई के अधिकारियों ने वन्यप्राणियों की सुरक्षा का फूलप्रूफ प्लान नहीं दिया।

वाइल्ड लाइफ सेफ्टी के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने देश में पहली बार इस तरह के हाइवे का निर्माण किया है। सड़क के ऊपर गाड़ियों का ट्रैफिक होता है तो सड़क के नीचे बनाए गए ऐनिमल अंडरपास से बाघ समेत दूसरे जानवरों की आवाजाही बिना रुके बनी रहती है।

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