प्रतापगढ़ (महानाद) : एसडीएम ने नायब नाजिर की इतनी बेरहमी से पिटाई की कि उसकी मौत हो गई। नायब नाजिर की पिटाई के कारण मौत होने की खबर फैलते ही अस्पताल में हंगामा मच गया। जिसके बाद डीएम के आदेश पर आरोपी एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज कर उसे मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है।
विवेक नगर निवासी सुधीर शर्मा ने शनिवार की रात्रि पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसके पिता सुनील शर्मा तहसील में नायब नाजिर के पद पर तैनात हैं। 30 मार्च की रात्रि 9 बजे वे लालगंज तहसील परिसर स्थित अपने आवास में थे। इस बीच एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह तीन अज्ञात लोगों के साथ उनके घर में घुस आए। और उसके पिता सुनील शर्मा को पीटते हुए घसीटकर बाहर निकाल ले गए।
सुधीर ने बताया कि एसडीएम ने उसके पिता से तहसील के आवासीय परिसर की चहारदीवारी बनवाने के लिए 6000 ईंटों की व्यवस्था करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने रुपये न होने की बात कहते हुए इससे मना कर दिया था। जिससे नाराज होकर एसडीएम ने उनकी बेरहमी से पिटाई की जिसके चलते उसके पिता बेहोश हो गए। जिससे घबरा कर एसडीएम ने अपने करीबियों से उन्हें इलाज के लिए सरकारी अस्पताल भिजवाया। जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। आरोपी एसडीएम खुद भी अस्पताल पंहुचा और वह सुनील शर्मा के हार्ट को पंप करता दिखाई दिया।
आरोपी एसडीएम
उसके बाद शनिवार को पिटाई की चोटों के कारण सुनील शर्मा की मौत हो गई। वहीं आरोपी एसडीएम मेडिकल कॉलेज से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। सीओ लालगंज रामसूरत सोनकर ने बताया कि मृतक के बेटे के बयान के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम के साथ के तीन बाहरी अज्ञात लोगों का भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं, सुनील की मौत की जानकारी मिलते ही कर्मचारी संगठन भड़क गए और आरोपी एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। अस्पताल पहुंचे तहसील कर्मचारियों और वकीलों ने जबर्दस्त हंगामा किया। पुलिस को शव अपने कब्जे में लेने से रोक दिया। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रतापगढ़ डीएम डॉ. नितिन बंसल ने मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए हैं। आरोपी एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह को मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। डीएम के आदेश पर उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।