विकासनगर (महानाद) : जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में महंगी होती बिजली एवं इसके कुप्रबंधन के मामले में राजभवन के खिलाफ मोर्चे ने आर-पार की लड़ाई का आह्वान कर दिया है, जिसके तहत अगर शीघ्र ही जनता की बात न सुनी गई तो मोर्चा आमरण अनशन जैसे संवेदनशील कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। इस संबंध में मोर्चा द्वारा राज भवन को पत्र भेजकर चेताया गया है, राजभवन जैसे महत्वपूर्ण संस्थान का यूं चुप बैठना संगीन अपराध से काम नहीं है।
नेगी ने कहा कि तीन-चार चार वर्ष से सरकार द्वारा लगातार बिजली के दामों में बढ़ोतरी की जा रही है तथा हाल ही में फिर बढ़ोतरी की गई है, लेकिन आमजन की आवाज राजभवन को सुनाई नहीं दे रही है। प्रतिवर्ष एक-डेढ़ हजार करोड़ की बिजली लाइन लॉस में खप रही है, जिसको रोकने वाला कोई नहीं है। सरकार द्वारा प्रतिमाह यूनिट स्लैब/प्रति किलोवाट फिक्स्ड चार्जेस निर्धारित किया गया है, जिसके नाम पर उपभोक्ताओं को लूटने का काम किया जा रहा है।
नेगी ने कहा कि सरकार की नाकामी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। सरकार लाइन लॉस कम करने की दिशा में कोई भी ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं है, जिसका कारण निजी हित साधना है। अपने फायदे के लिए अधिकारी एवं सरकार जनता का तेल निकालने में लगे हुए हैं। ऊर्जा प्रदेश में यह खेल जनता पर भारी पड़ रहा है। नेगी ने कहा कि 100 यूनिट तक रुपए 3.40 प्रति यूनिट, 200 यूनिट तक 4.90 एवं 200 से 400 यूनिट तक 6.70 तथा इसके ऊपर 7.35 प्रति यूनिट निर्धारित की गई है तथा इसी प्रकार फिक्स्ड चार्जेस 75 रुपए, 85 रुपये एवं 100 रुपए प्रति किलोवाट/प्रतिमाह निर्धारित किए गए हैं। सरकार को चाहिए था कि इस और ध्यान दिया जाए, लेकिन न सरकार ने और न ही राजभवन ने इस मामले में ध्यान देने की जहमत उठाई।
नेगी ने कहा कि फिक्स्ड चार्जेस न्यूनतम करने, 100 यूनिट के स्लैब के स्थान पर 150- 200 यूनिट का स्लैब निर्धारित करने एवं लाइन लॉस कम करने जैसे संवेदनशील मुद्दे का संज्ञान लेने की मांग राजभवन से की जा चुकी है। मोर्चा राजभवन को एशगाह नहीं बनने देगा।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह मौजूद थे।