सलीम अहमद
रामनगर (महानाद) : ऐतिहासिक मां गर्जिया देवी मन्दिर जोकि एक पहाडी पर स्थापित है, उसमें आई दरार के बेहतर एवं स्थाई उपचार के लिए जिलाधिकारी धीराज सिह गब्र्याल ने कदम उठाते हुए प्रो. सत्येन्द्र मित्तल विभागाध्यक्ष सिविल इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी रुड़की को पत्र लिखकर कहा है कि गर्जिया देवी मन्दिर ऐतिहासिक एवं पौराणिक होने के कारण स्थानीय निवासियों एवं अन्य लोगों की मन्दिर से आस्था जुडी हुई है। मन्दिर मे अत्यधिक संख्या में वर्षभर श्रद्वालुओं का आवागमन बना रहता है।
अपने पत्र में जिलाधिकारी ने उल्लेख किया है कि विगत कई समय से गर्जिया मन्दिर की पहाडी जिसमें मन्दिर स्थापित है, स्थान-स्थान पर दरारें परिलक्षित हो रही हंै जिस कारण निकट भविष्य मे मन्दिर को खतरा होने की सम्भावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता है। मन्दिर का ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व है अतः मन्दिर की पहाडी पर दरारोें की जांच एवं सुरक्षात्मक उपाय किया जाना नितांत आवश्यक है। गब्र्याल ने आईआईटी विभागाध्यक्ष से अनुरोध किया है कि शीघ्रतातिशीघ्र गर्जिया देवी मन्दिर, रामनगर की सर्वे/जांच करते हुये सुरक्षात्मक उपायों हेतु कार्ययोजना तैयार किये जाने हेतु आईआईटी रुड़की की विशेषज्ञ टीम को रामनगर भेज दें। इस महत्वपूर्ण कार्य पर होेने वाले व्यय का भुगतान जिला प्रशासन द्वारा किया जायेगा।
गब्र्याल ने बताया कि मन्दिर के संरक्षण के लिए सरकार गम्भीर है। मुख्यमंत्री स्तर से इस महत्वपूर्ण कार्य की समीक्षा की जा रही है। उनके निर्देश पर रुड़की के विशेषज्ञों से सर्वे कराकर प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। प्रशासन भी इस हेतु तत्पर है।