रहने को घर नहीं, सारा जहाँ हमारा : रीतू सिंदवानी

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यतीश शर्मा
पंचकूला (महानाद) : गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को सबसे पहले बहुत-बहुत बधाई हो। इस 72 वें गणतंत्र दिवस पर क्या हम देश के संविधान की पूरी जानकारी रखते हैं। शायद नहीं। ऐसा क्यों? देश की आवाम अपने संविधान में लिखे अधिकारों की पूरी जानकारी न होने के कारण पिसती नजर आती है। यह बात मशहूर फिल्मी अदाकारा रीतू सिंदवानी ने कही।

रीतू ने कहा कि देश की आवाम अपने अधिकारों की जानकारी न होने के कारण अपने आपको गुलाम की तरह जीवन व्यतित करने को मजबूर है। बहुत दुख होता है जब हम यह देखते हैं कि जब हमारी सत्ताधारी सरकारंे लोकतन्त्र की हत्या कर राजतन्त्र से देश की आवाम के लिये बने अधिकारों का हनन करती हैं और हम कुछ नहीं कर पाते। जरूरत है हम सब देशवासियों को एकजुट हो अपने अधिकारों के लिये संघर्ष कर सबको जागरूक करने की।

उन्होंने कहा कि आज भी हमारे देश की महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि नारी के प्रति कुछ पुरुषों की मानसिकता हैवानियत का रूप बदलने को तैयार नहीं। अगर हम सब एकजुट हो नारी के प्रति अपनी मानसिकता बदलने की शुरुआत करें। क्योंकि हम भूल जाते हैं कि हमारा इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब जिस सम्राज्य में महिला का अपमान हुआ है उस राज्य का पतन हुआ है। आज भी सत्ताधारी सरकारें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा लगाती है आखिर क्यों?

रीतू सिंदवानी ने कहा कि आज की नारी सीमा पर तैनात हमारी ओर देश की रक्षा करती है और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कार्य कर रही है। फिर देश मे नारी को कमजोर क्यों समझा जाता है। जब तक हम नारी के सम्मान में आगे नही आएंगे तब तक देश का विकास आगे नही बढेगा।

उन्होंने कहा कि ग्लैमर की दुनिया में नारी के लिये एक अच्छा प्लेटफार्म है लेकिन समाज के कुछ ठेकेदारों ने ग्लैमर की दुनिया को बदनाम किया हुआ है। जिस पर नारी अपनी प्रतिभा दिखाने का समर्थ नहीं कर पाती और अपनी ख्वाहिश को दबा कर रखती है। हम सब को चाहिए कि हम सब देशवासी इस 2021 वर्ष और गणतंत्र दिवस पर एक शपथ लंे कि नारी के स्वभिमान को ठेस नहीं पहंुचने दंेगे और नारी का सम्मान कर देश का भविष्य सवांरने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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