उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद में एक 80 साल की बुजुर्ग महिला से घर में घुसकर बलात्कार किया गया था। इस मामले में न्यायालय ने आरोपित को आजीवन कारावास का कड़ा आदेश सुनाया है।
मामले के अनुसार पिथौरागढ़ जनपद के जाजरदेवल थाने के एक गांव में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपना कोई न होने के कारण अपने मायके के घर में अकेली ही रहती थी और उसके भाई का परिवार उनका ध्यान रखता था। 7 फरवरी की रात्रि भाई के परिवार की महिला उन्हें भोजन देकर सुला आयी थी।
लेकिन रात साढ़े 12 बजे के आसपास महिला को उसके रिश्ते की देवरानी ने फोन करके बताया कि उनकी बुआ यानी बुजुर्ग महिला के घर से चिल्लाने की आवाज आ रही है। इस पर महिला अपने पति के साथ मौके पर पहुंची तो गांव में ही रहने वाला मुकेश सिंह बिष्ट कमरे में आपत्तिजनक स्थिति में पाया गया। उसने खुद से दोगुनी से भी अधिक उम्र की बुजुर्ग महिला से बेहद शर्मनाक तरीके से बलात्कार किया था।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की
धारा 323, 450, 376 (2) (जे) (एम) के तहत अभियोग
दर्ज कर जांच शुरू की। बादमें मामला जिला एवं सत्र न्यायालय में चला। न्यायालय पीड़ित पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी प्रमोद पंत और प्रेम भंडारी ने पैरवी की। इस पर अब विशेष सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने दोनों पक्षों की दलीले सुनते हुए अपना फैसला सुनाया है।
आरोपित को दोषी करार देते हुए धारा 323 के तहत एक वर्ष के कठोर कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड, धारा 450 के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 20 हजार रुपए अर्थदंड व अर्थदंड न देने पर दो साल के अतिरिक्त कठोर कारावास एवं धारा 376 (2) के लिए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने की दशा में दोषी को पांच वर्ष का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा।