पन्द्रह हजार से अधिक जीवों की जान बचाकर पेश की अनूठी मिसाल

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बेजुबान पशु-पक्षियों की रक्षा करना ही जीवन का एक मात्र लक्ष्य : गोविन्द भारद्वाज

विकास अग्रवाल

जयपुर (महानाद) : पृथ्वी पर हर व्यक्ति अपने जीवन मे कुछ न कुछ करता है और अपना जीवन यापन करता है। यह तो एक सामान्य सी बात है। लेकिन हम बात करते हैं एक ऐसे परिवार की जो कि बेजुबान पशु-पक्षियों के लिए मसीहा से कम नहीं है।

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जयपुर जिले की पावटा तहसील के ग्राम भांकरी निवासी पं. डाॅ. गौरीशंकर शर्मा का पूरा परिवार बेजुबान पशु-पक्षियों की सेवा मे इस कदर समर्पित है कि दिन रात, दूर दराज तक जहां भी किसी जीव के घायल होने की सूचना मिलती है। वहां जाकर उसको बचाते हैं और उसका उपचार करते हैं।

डाॅ. शर्मा के छोटे भाई गोविन्द भारद्वाज राजकीय प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय पावटा में लाइवस्टोक असिटेंट के पद पर 8 अक्टूबर 2013 से कार्यरत हैं। इन्होंने अब तक के अपने सेवा काल मे 15,003 लावारिस गाय, 999 मोर, 1220 नील गाय, 71 बन्दर, दो गीदड़, एक जरख, एक बिज्जू, एक बाज, एक लोमडी एवं 300 से अधिक छोटे परिंदों का उपचार किया है।

इस कार्य में एलएसए भारद्वाज के साथ डाॅ. गौरीशंकर शर्मा, छात्र मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा भी अपना पूर्ण योगदान देते हैं।

पचास किलोमीटर तक भी पहुँच जाते हैं घायल जीव को बचाने:
इनका एक ही लक्ष्य होता है कि जहाँ तक सम्भव हो कोई बेजुबान जीव परेशान नहीं होना चाहिए। पावटा, कोटपुतली, शाहपुरा, विराटनगर, बानसूर, थानागाजी जहाँ किसी जीव के घायल होने कि सूचना मिलती है तुरन्त पहुँचकर उसका उपचार करते हैं।

स्वयं वहन करते है सभी खर्चे एवं दवाईयाँ:
भारद्वाज हमेशा बेजुबान जीवों के उपचार में जो भी दवाई उपयोग में ली जाती है उनका एवं अन्य सभी खर्चे स्वयं ही वहन करते हैं।

बेजुबान जीवों के बच्चो की माँ मर जाने पर उनके बच्चांे को अपने बच्चो की तरह निप्पल एवं बोतल से दूध पिलाकर पालते हैं:
जिन बेजुबान जीवों के बच्चो की मां मर जाती है। उन्हें मां की तरह निप्पल एवं बोतल से सुबह-शाम दूध पिलाकर पालते हैं। इन्होने अब तक 106 बेजुबान बच्चों को दूध पिलाकर बड़ा किया है -इनमें गाय, बन्दर एवं नील गाय के बच्चे सम्मलित हैं।

कारोना काल मे भी जारी रहीं सेवा:
जहाँ एक ओर पूरा देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा था वहीं भारद्वाज अपने बडे भाई डाॅ. गौरी शंकर शर्मा, मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा के साथ लाॅकडाउन के दौरान एवम कोरोना काल मे बेजुबान जीवों की रक्षा करने एवं उनके जीवन बचाने में व्यस्त रहे।

कुएं से निकालकर बचाई बेजुबान जीव की जान :
जहां लोग किसी व्यक्ति के कुएं में गिर जाने पर भी जेसीबी मशीन या क्रेन का इन्तजार करते हैं वहीं, दिनांक 11 सितम्बर 2020 को पावटा तहसील के ग्राम पांचूडाला मे एक सूखे कुए में नील गाय का बच्चा गिर गया था। जब इन्होंने बच्चे के चिल्लाने की आवाज सुनी तो बेजुबान जीव के जान बचाने के लिए अपने प्राणों की परवाह किये बिना डाॅ. गौरीशंकर शर्मा, एलएसए भारद्वाज, मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा कुए मे नीचे उतरकर घायल नील गाय के बच्चे का कुएं के अन्दर ही उपचार किया एवं सकुशल निकालकर उसकी मां (नीलगाय ) के पास सकुशल छोड़ा। भारद्वाज का हाथ फ्रैक्चर होने के बाद भी उन्होंने कुए में उतरकर बेजुबान जीव की जान बचाना पहले जरूरी समझा।

छात्र मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा को किया जा चुका है सम्मानित :
छात्र मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा ने ग्राम भांकरी मे दिनांक 10 अक्टूबर 2019 को अपने प्राणों की परवाह किये बगैर कुत्तो के हमले से राष्ट्रीय पक्षी मोर की जान बचाई। जिस पर 26 जनवरी 2020 को वन विभाग द्वारा राज्य स्तर पर एवं जयपुर जिला कलेक्टर द्वारा जिला स्तर सम्मानित किया जा चुका है।

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