गिरीताल : विकास की भेंट चढ़ गये 3 हरे-भरे पेड़, अभी और भी हैं लाइन में

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद): जहां पेड़ों को बचाने के नाम पर पर्यावरण दिवस पर हर जगह पौधारोपण किया गया वहीं आज गिरीताल रोड पर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सुबह-सुबह 3 हरे-भरे पेड़ों पर आरी चल गई। जैसे ही लोगों को पेड़ कटने की जानकारी मिली वे मौके पर पहुंच गये और ठेकेदार को अन्य पेड़ों को काटने से रोक दिया। इस दौरान मौके पर भारी हंगामा मचा और पेड़ काटने और पेड़ काटने से रोकने वालों में धक्का मुक्की भी हुई।

मामले की जानकारी देते हुए गिरीताल पर रहने वाले अश्वनी शर्मा ने बताया कि गिरीताल रोड पर सड़क के एक टुकडे का निर्माण किया जाना है। उसके दोनों और दर्जनभर 40-50 साल पुराने हरे-भरे पेड़ खड़े हैं। जिन्हें काटने के लिए आज सुबह लगभग 5 बजे ठेकेदार पहुंच गये और उन्होंने 3 पेड़ काट डाले। जैसे ही अश्वनी शर्मा को इस बात का पता चला तो वे मौके पर पहुंचे और उन्होंने उन लोगों को पेड़ काटने से रोका। अश्वनी शर्मा का आरोप है कि उनके पेड़ काटे जाने से रोकने पर ठेकेदार आगबबूला हो गया और उनके और उनके पिता रमेश चंद शर्मा के साथ धक्का मुक्की करने लगे। इस बीच भारी संख्या में लोग जुट गये और वे भी पेड़ों के काटे जाने का विरोध करने लगे। लोगों का कहना है कि ये पेड़ सड़क के किनारे लगे हुए हैं और ये कहीं से भी सड़क निर्माण में बाधक नहीं हैं।

पेड़ों से आगे खड़े है बिजली के खंबे, लेकिन आरी चली पेड़ों पर –
आपकों बता दें कि सड़क निर्माण के लिए जिन पेड़ों को काटा गया है और जिन्हें काटने की बात की जा रही है। उन पेड़ों से आगे तो बिजली के खंबे लगे हुए हैं। नगर निगम द्वारा उन खंबों को हटाया नहीं गया है लेकिन उनके पीछे खड़े पेड़ को काट दिया गया है। जहां तक हमें जानकारी है सड़क के दोनों और फुटपाथ भी बनाया जाता है और फुुटपाथ पर ही पेड़ भी लगाये जाते हैं। जिससे वहां से गुजरने वाले लोगों को छाया मिल सके। लेकिन यहां तो उलटा हो रहा है। सड़क किनारे पहले से लगे पेड़ों को ही काट दिया गया है।

नगर निगम की मांग पर वन विभाग ने दी है परमिशन –
आपको बता दें कि सड़क निर्माण के नाम पर नगर निगम ने ही इन पेड़ों को काटने की परमिशन वन विभाग से ली है। जब डीएफओ बीएस शाही से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि नगर निगम के प्रार्थना पत्र के आधार पर उक्त पेड़ों को काटने की परमिशन दी गई है। अब सवाल यह उठता है कि वन विभाग ने बिना यह जांचे कि उक्त पेड़ सड़क निर्माण में बाधा बन रहे हैं या नहीं केवल नगर निगम के प्रार्थना पत्र के आधार पर हरे-भरे पेड़ों को काटने की परमिशन क्यों दे दी।

वहीं क्लीन एंड ग्रीन संस्था के प्रदेश अध्यक्ष विक्की राजकुमार सौदा ने आरोप लगाये कि वन विभाग और नगर निगम की मिलीभगत से इन हरे-भरे पेड़ों को काटा गया है।

उधर, वार्ड पार्षद विजय कुमार ने कहा कि निगम द्वारा परमिशन लेकर पेड़ों को काटने की कार्रवाई की जा रही है। लेकिन जो पेड़ सड़क निर्माण में बाधा बन रहे हों उन्हें काटा जाना चाहिए जो पेड़ सड़क किनारे लगे हैं उन्हें बचाया जाना चाहिए।

वहीं, नगर निगम की महापौर उषा चौधरी ने बताया कि अभी दो दिन की छुट्टी है। मुख्य नगर आयुक्त शहर में नहीं है। उन्होंने 2 दिन तक इन पेड़ों को न काटे जाने के लिए कहा है। सोमवार को मुख्य नगर आयुक्त विवेक राय के आने पर पेड़ों को काटने अथवा न काटने का फैसला लिया जायेगा।

वहीं खबर लिखे जाने तक गिरताल के निवासी एवं अन्य पर्यावरण प्रेमी मौके पर धरने पर बैठ गये हैं। धरने पर बैठने वालों में अश्वनी शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, मोहित विश्नोई, क्लीन एंड ग्रीन काशीपुर उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष विक्की कुमार सौदा, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष सपरा, प्रदेश कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश विश्नोई, प्रदेश मंत्री एडवोकेट मनोज शर्मा, जिला कोषाध्यक्ष नवनीत विश्नोई सर्वेश बंसल, संजय शर्मा, दयाशंकर, महेश वर्मा, संतोष कुमार आदि शामिल हैं।