देहरादून : 25000 हजार रुपये की नौकरी पाने के लिए कर दी दो की हत्या

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देहरादून (महानाद) : पुलिस ने धौलास गांव में हुए डबल मर्डर का खुलासा करते हुए एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला और कोई नहीं बल्कि धौलास गांव के इस आलीशान बंगले में काम करने वाले नौकर राजू उर्फ श्याम थापा का पहचान वाला ही निकला। राजू की नौकरी पाने के लिए उसने राजू की हत्या की थी वहीं उसे राजू की हत्या करते हुए राजू की मालकिन ने देख लिया था इसलिए उसने मालकिन की भी हत्या कर दी।

मामले का खुलासा करते हुए एसउसपी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि इस दोहरे हत्याकांड में मारा गया राजू उर्फ श्याम थापा मूल रूप से नेपाल का रहने वाला था। उसे बंगले में नौकरी करने के बदले 25000 हजार रुपये तन्ख्वाह मिलती थी। उसी की जान पहचान वाला गांव के निचले इलाके में झोपड़पट्टी में रहने वाला आदित्य राजू की जगह पर आलीशान बंगले में नौकरी पाना चाहता था। इसलिए उसने राजू की हत्या की योजना बनाई। जिस समय वह राजू की हत्या कर रहा था उसी समय अचानक से बंगले की मालकिन उन्नति शर्मा भी वहां आ गई जिस पर आदित्य ने उसे भी मौत के घाट उतार दिया।

बता दें कि 29 सितंबर 2021 को ग्राम धौलास, प्रेमनगर निवासी सुभाष शर्मा ने कंट्रोल रूम के माध्यम से थाना प्रेमनगर को सूचना दी कि उनकी पत्नी उन्नति शर्मा तथा उनका नौकर श्याम उर्फ राजकुमार थापा नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने दोनों की काफी खोजबीन कर ली लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल रहा है। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्नति शर्मा तथा नौकर श्याम उर्फ राजू थापा की खोजबीन शुरु की और दोनांे के शव घर के पीछे किचन के पास पन्नी से ढककर छिपाये हुए मिल गये।

पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की और पुलिस टीम को सीसीटीवी फुटेजों की जांच के दौरान कुछ संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दिये। वहीं, मृतका उन्नति शर्मा के पति सुभाष शर्मा ने बताया कि राजू की पहचान वाला एक युवक आदित्य कुछ दिन पूर्व उनके घर में नौकरी मांगने आया था, लेकिन उनकी पत्नी उन्नति शर्मा ने पहले से ही एक नौकर होने की बात कहकर उसे मना कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने आसपास के लोगों से आदित्य के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि आदित्य ने अपने रिश्तेदारों तथा अन्य कई लोगों से काफी पैसे उधार ले रखे हैं। आर्थिक तंगी से परेशान होकर आदित्य ने कुछ दिन पूर्व जहरीलर पदार्थ पीकर अपनी जान देने की कोशिश भी की थी। वहीं घटना के बाद से ही आदित्य 30 सितम्बर को बीमारी का बहाना बनाकर 108 एम्बुलेंस के जरिए दून अस्पताल में भर्ती हो गया है। जहां से वह 1 अक्टूबर को डिस्चार्ज हो गया है।

सीसीटीवी फुटेजों से प्राप्त संदिग्ध हुलिये का मिलान आदित्य के हुलिये से मिलने पर पुलिस आदित्य को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने उन्नति शर्मा व उनके नौकर श्याम उर्फ राजकुमार थापा की हत्या करना स्वीकार कर लिया। आदित्य की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त लोहे की रॉड को सुभाष शर्मा के घर के पीछे जंगल से तथा अभियुक्त द्वारा घटना के समय पहने गये कपड़ो को उसके घर के पास से बरामद किया गया।

पूछताछ के दौरान आदित्य ने बताया गया कि मैं अपने घर में अपनी मां के साथ रहता हूँ। इससे पहले गढीकैंट में किराये के मकान में रहकर आर्मी में जाने की तैयारी करता था। कोटद्वार में आर्मी की भर्ती के दौरान मैंने दौड़ पास कर ली थी, लेकिन हाथ में टेनट्यूड कट होने के कारण मैं मेडिकल में बाहर हो गया था। इसके बाद मैंने गढ़ी कैंट का मकान छोड दिया और खबड़वाला में पट्टे की भूमि पर टीन शेड लगाकर अपनी मां के साथ रहने लगा। मैंने पहले एक बार मैने उन्नति शर्मा के घर चार-पांच दिन तक काम किया, जहां से मुझे 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पैसे मिले। इसके बाद मैं फिर से उन्नति शर्मा के पास नौकरी मांगने गया तो उन्हांने कहा कि उनके घर पर काफी समय से श्याम उर्फ राजकुमार थापा नौकर का काम करता है और उन्हें अभी किसी और की जरूरत नहीं है। इसके बाद मैंने 26 सितंबर को फिर से काम मांगने के सिलसिले में उन्नति शर्मा से मिलने के लिये उनके घर पर गया। गेट से उन्नति शर्मा को फोन किया तो उन्होने मेरा फोन नहीं उठाया। इसी दौरान नौकर श्याम थापा गेट पर आया और उसने उन्नति शर्मा को घर के बाहर मेरे आने की सूचना दी।

उन्नति शर्मा द्वारा पुनः मुझे घर में कोई काम न होने की बात कहते हुए फुलसैनी में एक दुकान में काम दिलाने की बात कही गयी तथा वह मुझे उक्त दुकानदार के पास लेकर गयीं। दुकानदार ने बताया कि वह मुझे रहने के लिये अपने स्टोर में ही एक बेड दे देगा, परन्तु मेरे द्वारा उसे बताया गया कि मेरे साथ मेरी मां भी रहती हैं, जिस कारण मै उक्त स्टोर में नही रुक सकता, जिसके पश्चात हम फुलसैनी से वापस आ गये। उसके बाद से ही मुझे लगने लगा कि जब तक मैडम उन्नति शर्मा के घर पर उनका नौकर श्याम उर्फ राजकुमार थापा रहेगा तब तक मुझे उस घर में कोई काम नहीं मिल सकता। जिसके बाद मैंने श्याम थापा को रास्ते से हटाने के लिये उसकी हत्या की योजना बनाई और योजना के मुताबिक 29 सितंबर को प्रातः 4 बजे मैं घर से पैदल चलकर जंगल के रास्ते होते हुए उन्नति शर्मा के बंगले के पास पहुचा तथा वहां से मैंने बंगले का गेट फांदकर घर के अंदर प्रवेश किया। घर मंे घुसने केे बाद मैं किचन के रास्ते घर के अन्दर जाने का प्रयास कर ही रहा था कि मुझे किचन के बाहर श्याम उर्फ राजकुमार थापा मिल गया, इससे पहले कि श्याम मुझसे कुछ कह पाता मैने बिना देरी किये वहीं जमीन पर पडी एक लोहे की रॉड उठाकर उसके सिर पर उससे दो बार प्रहार किया, जिससे वह मौके पर ही गिर गया। इसी दौरान घर की मालकिन उन्नति शर्मा किचन से बाहर आयी तो मैं दीवार की आड में छिप गया। उन्नति शर्मा नौकर श्याम थापा की हालत देखकर चिल्लाई इसी दौरान उसने मुझे भी देख लिया था और वापस घर के अन्दर जाने के लिये वह जैसे ही मुड़ी तो मेरे द्वारा लोहे की रॉड से उसके सिर के पिछले हिस्से में वार किये गये जिससे वह वहीं नीचे गिर गयी। उसके बाद मैने दोनो का गला दबाकर यह सुनिश्चित किया कि वह दोनो मर गये हैं और लोहे की रॉड को वही से पीछे जंगल की ओर फंेक दिया। उक्त दोनो शवों को मैने पास मे पडी चमकीली पन्नी से ढक दिया और दीवार फांदकर मैं वहां से जगल के रास्ते होते हुए अपने घर वापस आ गया।

घर आकर मैंने अपने कपडे बदले और उन कपडों को एक पालीथीन में डालकर घर के पास ही छुपा दिया। अगले दिन जैसे ही मुझे आभास हुआ कि पुलिस को घटना की जानकारी हो गयी है तो बचने के लिये योजनाबद्ध तरीके से मैं खून के दस्त लगने का बहाना बनाकर 108 के माध्यम से दून अस्पताल में भर्ती हो गया।

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