गोविंद शर्मा
देवबंद (महानाद) : भाजपा सरकार ने प्रदेश में बहुत कार्य किये हैं लेकिन भ्रष्टाचार और महंगाई पर नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं। इस कारण आम जनता बुरी तरहा से परेशान है। चुनाव सिर पर हैं लेकिन इस ओर सरकार बेबस सी नजर आ रही है।
भाजपा सरकार पुनः आयेगी इसको लेकर लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं। वर्तमान में बड़ी संख्या में लोगों का कहना है कि सरकार महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कतई नाकाम साबित हुई है। इन दोनों मुद्दों के लिए सरकार के साथ-साथ जनप्रतिनिधि और भाजपा के बड़े नेता भी जिम्मेदार हैं। जनता महंगाई और भ्रष्टाचार की मार से त्राहि त्राहि कर रही है और सुनने वाला कोई नही है।
यह चुनाव बड़ा निर्णायक होना है, इस चुनाव में तमाम मुस्लिम वोट भाजपा को हराने के लिए एक झण्डे के नीचे अखिलेश यादव की झोली में जा रहे हैं। जबकि असद्दुदीन ओवैसी भी पूरी ताकत से अपनी पार्टी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एक ओर मुस्लिम यादव को लेकर सपा तथा दूसरी ओर भाजपा हिन्दू वोटों के भरोसे है। इसमें भी बसपा की मायावती दलित को लेकर एक ओर खड़ी है। आजाद समाज पार्टी के चन्द्र शेखर रावण भी भाजपा को तथा मायावती को चोट पहुंचाने के लिए पूरी ताकत लगाये हैं। कांग्रेस का इन सभी के बीच वजूद ही समाप्त सा हो गया है लेकिन प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस का वजूद है। लेकिन वहां भी उसको भाजपा तथा सपा से संघर्ष करना है।
पूरे प्रदेश का यदि विश्लेषण करे तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट दो भागों में बंटे हैं। एक वह जाट है जो राकेश टिकैत के समर्थक हैं और दूसरे भाजपा के समर्थक। राकेश टिकैत के समर्थकों में भी प्रदेश की वर्तमान स्थिति तथा सपा के शासनकाल की स्थिति की समीक्षा के बाद हलचल है। इस प्रकार भाजपा का पूर्व का वोटर अभी तक अपने स्थान पर है जबकि वह महंगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त है। विशेषज्ञ कयास लगा रहे हैं कि इस बार भाजपा सत्ता से बेदखल हो सकती है, मगर आंकडे बताते हैं कि जितना वोटर भाजपा से खिसकने वाला बताया जा रहा है उतना ही भाजपा में मुस्लिम, दलित और पिछड़ा भाजपा की जनहितैषी योजनाओं का लाभ पाने के बाद आ रहे हैं। हां भाजपा के वोटर में महंगाई, भ्रष्टाचार और भाजपा नेताओं की मौकापरस्ती को लेकर रोष है ।
उत्तर प्रदेश में धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले ही सबसे बड़े साम्प्रदायिक हैं। हिन्दू वोटर हर पार्टी का सपोर्टर है जबकि मुस्लिम केवल सपा का सपोर्टर है और वह प्रदेश से भाजपा को हटाने के लिए किसी हद तक भी जाने को तैयार है। इसी प्रकार हिन्दू सवर्ण व पिछड़ा जो भाजपा का वोट बैंक है वह महंगाई और भ्रष्टाचार से दो चार होने के बाद भी मजबूती से योगी के पीछे खड़ा है।