विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) काशीपुर में बायोडीजल प्लांट स्थापित करने जा रहा है। इसकी कवायद शुरू हो चुकी है। आगामी 24 अप्रैल को इसकी विधिवत घोषणा की जाएगी। संस्थान इस वर्ष होने वाली चारधाम यात्रा में भी स्टॉल लगाकर वहां पर मौजूद होटल से कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बना कर जेनरेटर चलाने की प्लानिंग कर रहा है।
सीएसआईआर लैब के सीनियर वैज्ञानिक नीरज आत्रेय ने बताया कि इस वर्ष होने वाली चारधाम यात्रा में होटलों से बेकार हो चुका खाद्य ऑयल को लेकर बायोफ्यूल तैयार कर जेनरेटर के लिए सप्लाई किया जाएगा। दरअसल, खाद्य तेल को बार-बार गर्म करने से वह बेकार हो जाता है। ज्यादा इस्तेमाल करने से कई गम्भीर बीमारियां भी होने लगती हैं। जिसको लेकर वैज्ञानिकों की टीम ने इस बेकार पड़े तेल को किस तरह प्रयोग में लाया जा सकता है, पर शोध कार्य किया। जिसके बाद वैज्ञानिकों को सफलता हाथ लगी।
आत्रेय ने बताया कि इस खाद्य तेल से बायोफ्यूल तैयार किया जा रहा हैै इसके अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम देहरादून द्वारा खाद्य तेल को इकट्ठा करने के लिए एक चेन तैयार की गई है, जो पांच लीटर खराब खाद्य तेल देने वाले शख्स को एक लीटर कुकिंग तेल प्रोवाइड करेगा। यही नहीं, अगर कोई बायोफ्यूल लेना चाहता है तो उनकी टीम तत्काल खाद्य तेल को बायोफ्यूल बनाकर उन्हें दे सकती है। ताकि, वह डीजल में 5 से 20 फीसदी बायोफ्यूल मिलाकर उसे जेनरेटर में या अन्य वाहनों में इस्तेमाल कर सकता है।
वैज्ञानिक नीरज आत्रेय ने बताया कि चारों धामों में यूनिट बनाकर बायोफ्यूल तैयार किया जाएगा। इस बाबत सरकार से बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में भारत में तेल की खपत 100 मिलियन टन है। ऐसे में देश के वैज्ञानिक कुकिंग ऑयल से 5 से 6 मिलियन टन बायोडीजल बनाने की बात कह रहे हैं। इससे देश का करोड़ों रुपया फॉरन एक्सचेंज से बचाया जा सकता है। मौजूदा समय में देशभर में ऑयल कुकिंग से तैयार होने वाले बायोडीजल के 20 प्लांटों को तैयार किया जा चुका है। अब काशीपुर में प्लांट लगाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस पर चर्चा/वार्ता हो चुकी है।
आत्रेय ने बताया कि काशीपुर में बाजपुर रोड पर सत्येन्द्र चन्द्र गुड़िया आईएमटी एंड लॉ कॉलेज में कृषि हेतु राज्य सरकार से प्राप्त दस एकड़ भूमि में यह प्लांट लगाकर बायोडीजल बनाया जाएगा। कॉलेज के छात्र-छात्राएं सप्लाई चेन के रूप में इस प्लांट में सहयोग करेंगे। बायोडीजल पूरी तरह इकोफ्रेंडली है। इस प्लांट को लगाने का मकसद अन्य काश्तकारों को भी खेती की जमीन से बायोडीजल बनाने को जागरुक करना है। आगामी 24 अप्रैल को पूर्व सांसद पं. सत्येंद्र चन्द्र गुड़िया की पुण्यतिथि पर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में इसकी विधिवत घोषणा कर दी जाएगी।
वहीं, चंद्रावती तिवारी कन्या महाविद्यालय की उप प्राचार्या डॉ. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने कॉलेज में प्लांट लगने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे काफी लोग लाभान्वित होंगे और मंहगाई में कमी आएगी।