रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले घोड़े-खच्चरों की मौतों और उनकी अनदेखी पर शासन ने अब बड़ा कदम उठाया है। शासन द्वारा अब एक खच्चर से एक दिन में एक ही बार यात्रा कराए जाने के आदेश जारी किए है। साथ ही मृतक घोड़े-खच्चरों के मालिकों को मुआवजा देने का ऐलान किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 16 दिनों में केदारनाथ की रीढ़ कहे जाने वाले 60 खच्चरों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि इसमें 55 घोड़ा-खच्चरों की पेट में तेज दर्द उठने से मौत हो चुकी है, जबकि 4 घोड़ा-खच्चरों की गिरने से और एक की पत्थर की चपेट में आने से मौत हुई है। खच्चरों की मौत की खबर से एक्शन में आए सचिव पशुपालन ने यात्रा मार्ग के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है की एक खच्चर से एक दिन में एक ही बार यात्रा कराए और इन आदेशों का सख्ती से पालन कराया जाय। मृत पशुओं के मालिकों को 1 लाख रुपए मुआवजा भी दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि समुद्र तल से 11750 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ तक पहुंचने के लिए बाबा केदार के भक्तों को 18 किमी की दूरी तय करनी होती है। इस दूरी में यात्री को धाम पहुंचाने में घोड़ा-खच्चर अहम भूमिका निभाते हैं लेकिन इन जानवरों के लिए भरपेट चना, भूसा और गर्म पानी भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अब तक करीब 60 पशुओं यानी खच्चरों की भी मौत हो चुकी हैं। खच्चरों की मौत के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है।