पौड़ीः उत्तराखंड में फर्जी शिक्षकों पर विभाग की कार्रवाई जारी है। शिक्षा विभाग ने 13 साल से सेवा दे रहे शिक्षक को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि एसआईटी और शिक्षा विभाग की जांच में बीएड की डिग्री फर्जी पाए जाने के बाद देहरादून के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कामला, कालसी ब्लॉक में तैनात सहायक अध्यापक की सेवा समाप्त कर दी गई है। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने ये आदेश जारी किया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार शिक्षक ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर 13 साल विभाग में नौकरी की। शिक्षक खिलेश लाल निवासी अगस्त्यमुनि ब्लॉक रुद्रप्रयाग ने 2006 में रुद्रप्रयाग जिले के प्राइमरी स्कूल जखवाड़ी से बतौर सहायक अध्यापक अपनी सेवा शुरू की। इसके बाद मार्च 2008 में एलटी संवर्ग में उसका नाम आया था। बताया कि किसी ने शिक्षक के फर्जी बीएड की डिग्री होने की शिकायत की थी। शिकायत के बाद इस मामले में शिक्षक खिलेश लाल के प्रमाण पत्रों की एसआईटी ने 2020 अगस्त माह में जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि जांच के बाद 4 फरवरी 2021 को खंड शिक्षा अधिकारी कालसी ने शिक्षक के खिलाफ कालसी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस दौरान विभाग ने शिक्षक को अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया। लेकिन शिक्षक अपनी बीएड की डिग्री को लेकर कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका।
दोनों ही जांचों में बीएड डिग्री के फर्जी मिलने के बाद अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने नवंबर 2021 को एलटी शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया था। अब अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल एमएस बिष्ट द्वारा शिक्षक की बर्खास्तगी के आदेश जारी किए गए है। उप शिक्षा अधिकारी कालसी (प्राथमिक शिक्षा) पूजा नेगी को जांच अधिकारी नियुक्त कर 21 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। उप शिक्षा अधिकारी कालसी (प्राथमिक शिक्षा) पूजा नेगी को जांच अधिकारी नियुक्त कर 21 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।