भाकियू ने किसानों की समस्याओं को लेकर सौपा तहसीलदार को ज्ञापन

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आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : भारतीय किसान यूनियन ने किसानों की समस्याओं एवं उनके निस्तारण की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।

संयुक्त किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष टीका सिंह के नेतृत्व में आज क्षेत्र के किसान तहसील में पहुंचे। उन्होंने तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपकर कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य जो सरकार द्वारा घोषित किया जाता है, वह चंद किसानों को बड़ी मुश्किल से मिल पाता है। फसल आने पर मंडी के भाव तेजी से गिर जाते हैं। किसान को मजबूरी में कम दाम पर अपना अनाज बेचना पड़ता है। वही अनाज बाद में उपभोक्ताओं तक महंगी दर पर पहुंचता है। इसका एकमात्र समाधान है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर किसानों से कोई भी खरीदारी ना हो। न्यूनतम समर्थन मूल्य भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार घोषित हो।

ज्ञापन में कहा गया कि धान की पराली को जलाने पर कुछ राज्यों में भारी जुर्माना लगाने के आदेश को वापस लिया जाए। किसान के पास उसे जलाने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है। उसे जल्दी खेत तैयार कर अगली फसल बोनी होती है। प्रदूषण के कारण अन्य वाहनों की तरह टैक्टर पर भी 15 वर्ष के बाद रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण पर रोक हटाई जाए। किसान बड़ी मुश्किल से बैंक से कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीद पाता है। मुश्किल से कर्ज चुका पाता है। कितने किसानों की तो कर्ज न चुका पाने के कारण जमीन तक नीलाम हो जाती है। किसान का ट्रैक्टर 99 प्रतिशत खेत में ही चलता है। एक प्रतिशत ही फसल बेचने या मरम्मत कराने के लिए सड़क पर आता है।

ज्ञापन में मांग की गई कि किसान आंदोलन के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर किसानों की आवाज दबाने के लिए जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए। किसानों के निजी नलकूपों की बिजली के खर्च भी हर वर्ष दरें बढ़ने के कारण बढ़ते जा रहे हैं। किसान की आय के हिसाब से बिजली के बिलों को देना भी किसान के लिए मुश्किल होता जा रहा है। यदि बिजली का निजीकरण किया गया तो खेती करना असंभव हो जाएगा। किसानों ने ज्ञापन में कहा कि देश के सबसे जरूरी सबसे बड़े कृषि उद्योग की सबसे ज्यादा उपेक्षा हो रही है। आत्महत्या जैसे कदम उठाने को किसान मजबूर हो रहा है। सरकारी सर्वे के अनुसार अधिकांश किसानों की आय 27 रुपये प्रतिदिन है। जो बहुत ही शर्मनाक बात है।

ज्ञापन सौंपने वालों में बलजिंदर सिंह संधू, बलकार सिंह फौजी, जितेंद्र सिंह जीतू, राजेंद्र सिंह छीना, फूल सिंह, हरप्रीत सिंह, सुखविंदर सिंह, परमजीत सिंह, मलकीत सिंह, कश्मीर सिंह, बलविंदर सिंह, बलकार सिंह, अवनीत सिंह बेदी, मनप्रीत सिंह, कल्याण सिंह आदि शामिल थे।