काशीपुर : साहित्य दर्पण की मासिक काव्य संध्या संपन्न

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : साहित्य दर्पण की मासिक काव्य संध्या का आयोजन मुनेश कुमार शर्मा के सौजन्य से उनके आवास कवि नगर मेंकिया गया। काव्य संध्या का संचालन ओम शरण आर्य चंचल ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र का अनावरण माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना के साथ किया गया। कवियों ने अपनी सर्वश्रेष्ठ रचना प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।

कवि जितेंद्र कुमार जीस्त-कुछ तुम भी कहो कुछ मैं भी कहूं, तो कुछ पल खुशी के मिल जाएंगे।
कवि कैलाश चंद्र यादव -बाहर है कितनी सर्दी अरे ना बाबा ना, संग तेरे मैं चलूं अरे ना बाबा ना।
कवि शकुन सक्सेना राही अंजाना- यकीं तुम पे करना बशर चाहते हैं, जो डरते हैं होना निडर चाहते हैं।
कवि सोमपाल सिंह सोम-तुम बच्चे हो बड़े प्यारे, तुम हो जग के उजियारे।
कवि ओम शरण आर्य चंचल- हमारे विघ्न हरो विघ्नेश।
कवि मुनेश कुमार शर्मा- चेहरे से भी इतना ज्यादा फर्क कहां पड़ता साहब, मन जिसका अच्छा लगता वह अच्छा लगने लगता है।
कवि राम प्रसाद अनुरागी- गम देने वाला साकी था, अभी और पिलाना बाकी था।
कवि सुरेंद्र अग्रवाल- अपने दिल की बात कह दो, बन जाए शायद वो कोई गीत।

काव्य संध्या में मदन यादव, रजनी शर्मा, प्रभात कुमार शर्मा, अभिषेक त्यागी, निर्मला शर्मा, सार्थक, संध्या और राकेश कुमार आदि उपस्थित रहे।