विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : पं. गोविन्द बल्लभ पंत इंटर काॅलेज और प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक का विवाद निबटने का नाम नहीं ले रहा है। जहां जांच अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी आरएस नेगी ने समिति को अवैध बताते हुए प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक को कार्यमुक्त करने को गलत ठहराते हुए अपनी रिपोर्ट ऊपर भेज दी है। वहीं पं. गो.ब.पंत शिक्षा समिति ने खंड शिक्षा अधिकारी पर पक्षपात करने के आरोप लगाते हुए जांच कमेटी पर ही सवाल उठाये हैं।
आपको बता दें कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक पर अपने पुत्र को गलत तरीके से एमिशन करने और परीक्षा में उपस्थित हुए बिना पास करने, उपस्थिति रजिस्टर गायब करने के आरोप के बाद काॅलेज की प्रबंध समिति द्वारा उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया। जिसके बाद प्रधानाचार्य कौशिक की शिकायत पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी काशीपुर को आदेश देकर उक्त प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। जिसके बाद से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हो गया।
खंड शिक्षा अधिकारी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेज दी। जिसमें उन्होंने कहा है कि व
र्ष 2014-15 के बाद से काॅलेज प्रबंध समिति के चुनाव नहीं हुए हैं। इसलिए समिति अवैध है और वह प्रधानाचार्य को उनके पद से हटाने की अधिकारी नहीं है। वहीं प्रबंध समिति ने अपने जबाव में कहा है कि प्रबंध समिति के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। जिसकी सूचना रजिस्ट्रार को प्रेषित की जा चुकी है। उप निबंेधक कार्यालय द्वारा सूचित किया गया है कि अनुमोदन की प्रक्रिया अन्य अशासकीय विद्यालयों की भांति अनुमोदन हेतु जारी है।
वहीं प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक ने प्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि उनका पक्ष जाने बिना उन्हें उनके पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है। वे रोजाना विद्यालय जा रहे हैं लेकिन उन्हें गेट के अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने प्रबंध समिति पर उनके पीछे दस्तावेजों को लुप्त करने की आशंका जताई है। वहीं उन्होंने प्रबंध समिति के सामने पेश होने के लिए 20 दिन के समय की मांग की है।
उधर, खंड शिक्षा अधिकारी के सामने पेश हुए समिति के प्रबंधक डाॅ. एसके शर्मा ने पत्र द्वारा कई जानकारी देने की मांग की है। शर्मा ने कहा कि मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच से संबंधित पत्र 5 दिन बाद दिया गया जबकि उन्होंने जांच पहले से शुरु कर दी। जबकि उन्हें समिति को पहले मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी जांच से संबंधित पत्र पहले दिया जाना चाहिए था उसके बाद उन्हें जांच शुरु करनी चाहिए थी।
देखें प्रबंध समिति के प्रबंधक डाॅ. एसके शर्मा द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी को लिखे पत्र की प्रति –