विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : पुलिस कर्मी के साथ फोन पर गाली-गलौच के आरोपी काशीपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय चौधरी को सिविल जज जूनियर डिवीजन करिश्मा डंगवाल ने पुलिस की रिमांड की अर्जी को खारिज कर रिहा कर दिया। रिहा होने के बाद बार अध्यक्ष ने कहा कि उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं अन्य वकीलों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व विजई जूलूस निकाला।
आपको बता दें कि बृहस्पतिवार को कांस्टेबल हरि सिंह की तहरीर के आधार पर पर पुलिस ने काशीपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष संजय चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कल उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। बार अध्यक्ष की गिरफ्तारी की सूचना फैलते ही वकीलों में रोष फैल गया और उन्होंने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। वहीं, पुलिस ने संजय चौधरी को सिविल जज जूनियर डिवीजन करिश्मा डंगवाल की कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की।
बार अध्यक्ष को रिमांड पर लेने के लिए सीओ वंदना वर्मा, कोतवाल मनोज रतूड़ी व एसआई संतोष देवरानी ने कोर्ट में स्वयं बहस की। वहीं बार अध्यक्ष की तरफ से आंनद रस्तोगी व अरुण तिवारी एडवोकेट आदि ने बहस की। बचाव पक्ष का कहना था कि मामले में धारा 41ए की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। जिस मोबाइल फोन से अभद्रता करने की बात कही जा रही है, पुलिस उसे भी बरामद नहीं कर पाई है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात कोर्ट ने पुलिस की रिमांड अर्जी खारिज करते हुए बार अध्यक्ष को तुरंत रिहा करने के आदेश दे दिए।
बार अध्यक्ष संजय चौधरी के रिहा होते ही वकीलों ने अपने अध्यक्ष को साथ लेकर विजयी जुलूस निकाला और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर बार अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि यह देश कानून से चलता है, मुझे पुलिस ने मुझे जबरदस्ती झूठे केस में फंसाया था। कोर्ट ने आज कानून की जीत का निर्णय कर क्षेत्र के लोगों में न्याय के प्रति भावना को उजागर किया है।
वहीं, बार एसोसिएशन के सचिव प्रदीप चौहान ने कहा कि झूठा मुकदमा ज्यादा देर तक नहीं टिकता है। पुलिस को कानूनी शिक्षा लेने की जरूरत है।
वहीं, वीरेन्द्र चौहान एडवोकेट ने कहा कि क्योंकि हम पुलिस को दलाली नहीं करने देते इसलिए वह हमसे नाराज रहती है इसलिए उसने हमारे अध्यक्ष को गलत तरीके से फंसाने का काम किया है।
उधर, जिलेभर के वकीलों ने काशीपुर बार संघ अध्यक्ष संजय चौधरी की गिरफ्तारी का विरोध किया तथा रुद्रपुर और जसपुर में वकीलों ने कार्य बहिष्कार कर पुतला फूंका।