बड़ी खबर : आईएएस पूजा सिंघल गिरफ्तार, सीए के घर से मिले थे 18 करोड़

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रांची (महानाद) : झारखंड की खनन सचिव पूजा सिंघल को ईडी ने आज गिरफ्तार कर लिया। पूजा सिंघल खूंटी में मनरेगा के धन के कथित गबन और अन्य आरोपों से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुईं थीं। पूछताछ के बाद पूजा को गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी ने उनके पति अभिषेक झा का भी बयान दर्ज किया है। अभिषेक के पास से 150 करोड़ रुपये के निवेश के कागजात बरामद हुए थे।

बता दें कि 6 मई 2022 को झारखंड की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सीए के घर से 18 करोड़ रुपये नगद बरामद किये थे। ईडी की पूछता में सीए सुमन कुमार ने चौंकाने वाले खुलासे किए। ईडी के अधिकारियों को सीए सुमन कुमार ने पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी है। हालांकि इस संबंध में अभी तक ईडी की ओर से किसी तरह का कोई बयान नहीं दिया गया है लेकिन, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ईडी को सुमन ने बताया कि प्रत्येक महीने करीब 30 करोड़ रुपये को व्हाइट किया जाता था। साथ ही पूजा सिंघल ने कथित तौर पर अपने ‘निजी खाते’ से 16.57 लाख रुपये सीए सुमन कुमार के खाते में ट्रांसफर किए। खाते में पैसे ट्रांसफर करने का जिक्र ईडी ने कोर्ट में किया था। इसके बाद सीए सुमन को पूछताछ के लिए 11 मई तक की रिमांड पर भेज दिया।

विदित हो कि झारखंड की सीनियर आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने महज 21 वर्ष की उम्र सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर आईएएस अधिकारी बनी थीं। उनकी इस ख्याति की चर्चा दुनियाभर में हुई और उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में किया गया था। 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा तब से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक आदर्श बन चुकी थीं। लेकिन इतने कम उम्र में अपनी मेहनत के बदौलत बुलंदियों पर पहुंचने वाली पूजा अपनी महत्वकक्षाओं को नियंत्रित नहीं कर पाईं और एक झटके में वो अर्श से फर्श तक पहुंच गईं।

पूजा सिंघल के एकेडमिक रिकॉर्ड और सर्विस रिकॉर्ड के कारण उन्हें झारखंड का तेजतर्रार और फैसले लेने वाले अधिकारी के तौर पर देखा जाता था। राजनीतिक अस्थिरता के लिए कुख्यात रहे झारखंड में उन्होंने लगभग हर सरकार से अपने सहज संबंध रखे। 22 साल के सर्विस करियर में में पूजा सिंघल पर घोटाले के आरोप लगते रहे हैं।

खूंटी जिले में उपायुक्त के पद पर तैनात रहीं पूजा पर मनरेगा में 16 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा था। जिसकी जांच अभी ईडी कर रही है। जबकि चतरा में उपायुक्त रहने के दौरान उनपर आरोप लगे कि उन्होंने मनरेगा योजना से 6 करोड़ रुपये दो एनजीओ को दिए। उस दौरान विधानसभा में भी ये मुद्दा उठा था, लेकिन पूजा सिंघल क्लीन चिट लेने में कामयाब रहीं। इसके अलावा उनपर पलामू जिले के उपायुक्त रहने के दौरान उषा मार्टिन ग्रुप को नियमों की अनदेखी कर कोल ब्लॉक आवंटित करने का आरोप भी लगा।