कानपुर (महानाद): नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद पुलिस द्वारा दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई कर रही है। पुलिस कमिश्नर और डीएम ने रात 2 बजे यतीमखाना की सड़क पर फ्लैग मार्च किया। घरों में दबिश देकर संदिग्ध उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया। देर रात बुलाई हाई लेवल मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी जब्त कर अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाने का आदेश दिया है।
बता दें कि कल 3 जून को बेकनगंज के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1000 लोगों ने 5 घंटे तक बवाल मचाया। पथराव और तोड़फोड़ करते हुए कई दुकानों को लूट लिया। बता दें कि दंगे के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यहां से करीब 50 किमी दूर कानपुर देहात के अपने गांव परौंख में मौजूद थे। उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
कानपुर में हुई हिंसा के बाद देर रात मुख्यमंत्री ने गोरखपुर मंदिर से वर्चुअल बैठक की। जिसके बाद बेकनगंज थाने में 1040 उपद्रवियों के खिलाफ 3 एफआईआर दर्ज की गईं। बवाल के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत 40 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। जबकि करीब 1000 बवालियों की पहचान की जानी बाकी है। पुलिस ने देर रात तक ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 15 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जिन्हें आज (शनिवार) कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।
मामले की जानकारी देते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि दंगाइयों के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने, बलवा, जानलेवा हमला करने, हिंसा फैलाने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। दंगाइयों की पहचान के लिए वायरल वीडियो और सीसीटीवी फुटेज की मदद ली जा रही है।
मीणा ने बताया कि हिंसा के एक-एक आरोपी को चिह्नित करके उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है। उनकी संपत्ति पर बुलडोजर भी चलाया जायेगा। मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
आपको बता दें कि 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर एक डिबेट हो रही थी। इसमें भाजपा नेता नूपुर शर्मा भी मौजूद थीं। डिबेट में एक सवाल पर नूपुर ने पैगंबर साहब पर एक बयान दिया। इस बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई। 27 मई को मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद का आह्वान किया। नूपुर के बयान के विरोध में कानपुर में पोस्टर लगाए गए। 28 मई को हयात ने 3 मई को जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया।
29 मई को मुस्लिम इलाके के हजारों लोगों ने हयात को अपना समर्थन दिया और 30 मई को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक बैठक की। 1 जून को हयात ने 5 जून तक बंदी और जेल भरो आंदोलन टाल दिया, लेकिन बाजार में लगे 3 जून के बंदी के पोस्टर नहीं हटाए गए। 2 जून को बेकनगंज इलाके में फिर दुकानों को बंद करने की अपील की गई। मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वो लोग पैगंबर साहब पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
3 जून को सुबह से ही बेकनगंज में मुस्लिम समुदाय के लोगोंने अपनी दुकानें बंद रखीं, लेकिन यतीमखाना के पास के बाजार में कुछ हिंदू दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद नहीं कीं। दोपहर 1ः45 बजे यतीमखाना के पास की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई। 2.30 बजे के आसपास नमाज के बाद लोग बाहर निकले और बाजार में खुली हुई दुकानों को जबर्दस्ती बंद कराने लगे। लेकिन हिंदू दुकानदारों ने दुकाने बंद करने से मना किया, तो लोगों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पूरे इलाके का माहौल बिगड़ गया। इसी बीच भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने तमंचों से फायर करने शुरु कर दिए।
दोपहर 3 बजे तक बवाल शुरु हो गया। देखते ही देखते परेड चौराहे पर लगभग 1000 लोग इकट्ठा हो गए। संकरी गलियों में लोग रुक-रुककर पथराव कर रहे थे। पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायर किए। लाठीचार्ज करके लोगों को गलियों में खदेड़ा गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 12 थानों की फोर्स मौके पर भेजी गई। लगभग 5 घंटे तक चले बवाल के बाद स्थिति काबू में आई।