गज़ब : सिपाही निकला 10 करोड़ की संपत्ति का मालिक

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पटना (महानाद) : आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने मंगलवार को पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं पुलिस के सिपाही नरेन्द्र कुमार धीरज तथा उनके भाई-भतीजे के 9 ठिकानों पर। छापेमारी के दौरान उसके पास 10 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है।ईओयू ने धीरज सहित सभी सात भाइयों और एक भतीजे को नामजद करते हुए रिपोर्ट दर्ज करवाई है। नरेन्द्र कुमार धीरज पटना जिला बल का सिपाही हैं और उनके पास आय से 9,47,66,745 रुपए की अधिक संपत्ति मिली है। यह उसकी वास्तविक आय से लगभग 544 प्रतिशत ज्यादा है।

ईओयू ने जाकारी देते हुए बताया कि नरेन्द्र कुमार धीरज के नाम पर बेऊर के महावीर कॉलोनी में एक दोमंजिला मकान है। सात भाइयों में विजेन्द्र कुमार विमल के नाम पर आरा के जगदेव नगर, बाजार समिति में 4 आवासीय प्लॉट, उदवंतनगर भेलाई में एक कृषि की जमीन है। भाई सुरेन्द्र सिंह के नाम से आरा में 10 जगहों पर व्यावसायिक, आवासीय और कृषि योग्य जमीनें, भाई वीरेन्द्र सिंह के नाम पर भोजपुर के नाढ़ी में 50 डिसमिल कृषि योग्य जमीन, भाई अशोक कुमार के नाम पर आरा के विभिन्न जगहों पर चार आवासीय व कृषि योग्य जमीनें, भाई श्याम बिहार सिंह के नाम गोढ़ना, उदवंतनगर में एक आवासीय प्लॉट, भाई शशि भूषण कुमार के नाम सहार के नाढ़ी में 64.50 डिसिमिल की कृषि योग्य भूमि है। वहीं भतीजे धर्मेन्द्र कुमार के नाम भोजपुर के ही जगदीशपुर स्थित सेवथा में 51 डिसमिल की एक कृषि योग्य भूमि है।

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दरअसल, ईओयू को शिकायत मिली थी कि नरेन्द्र कुमार धीरज द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर अपने व अपने परिजनों के नाम पर करोड़ों की जायदाद अर्जित की गई है। इसका सत्यापन करने के बाद सभी सात भाइयों और भतीजे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनिमय के तहत मामला दर्ज कर मंगलवार को पटना के महावीर कॉलोनी, सहार के मुजफ्फरपुर स्थित पैतृक आवास, भाई अशोक के अरवल स्थित मकान (अरोमा होटल के सामने), भाई सुरेन्द्र सिंह के आरा के भेलाई रोड, कृष्णानगर स्थित चार मंजिला और पांच मंजिला मकान, भाई विजेन्द्र कुमार विमल के आरा के कृष्णानगर स्थित पांच मंजिला मकान, भाई श्याम बिहार सिंह भोजपुर स्थित नारायणपुर के मॉल सह आवासीय मकान व छड़-सीमेंट की दुकान और भतीजे के आरा के अनाईठ स्थित आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान में छापेमारी की गई।

विदित हो कि नरेन्द्र कुमार धीरज की सिपाही के पद पर नियुक्ति 13 मई 1988 को नालंदा जिला बल में हुई थी। उसे नौकरी करते हुए 33 वर्ष 2 माह हो गए हैं। उसका पैतृक घर भोजपुर के सहार थाने के मुजफ्फरपुर में है। ये कुल सात भाई हैं। धीरज एक सामान्य कृषक परिवार से आता है और नौकरी में आने के पहले इसके पास लगभग 3-4 बीघा पुश्तैनी जमीन थी। सभी भाई इनके ऊपर आश्रित थे। संयुक्त परिवार में धीरज के अलावा कोई अन्य किसी नौकरी में नहीं हैं।

धीरज जिस बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन का अध्यक्ष है वह संगठन राज्य पुलिस के सिपाही-हवलदार का प्रतिनिधित्व करता है। राज्य स्तर पर पदधारकों के अलावा सभी जिला और इकाईयों में भी इसका संगठन कार्यरत है। यह संगठन काफी पुराना है।

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