कानपुर रेलवे स्टेशन पर पकड़े गये 16 फर्जी कर्मचारी, 9 दिन से कर रहे थे काम

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कानपुर (महानाद) : कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर बुधवार को फर्जी नियुक्ति पत्र तथा आई कार्ड के जरिये नौकरी करने वाले 16 लोगों को जीआरपी पुलिस ने पकड़ लिया। मामले में पुलिस ने 3 3 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है तथा गिरोह के सरगना की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।
बता दें कि बुधवार की देर रात्रि टिकट निरीक्षक सुनील पासवान प्लेटफार्म नंबर दो तीन पर चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान उनकी निगाह एक आदमी पर पड़ी जिसके गले में रेलवे का आईकार्ड पड़ा हुआ था। उन्होंने उससे पूछताछ की तो उसने अपना नाम दिनेश कुमार गौतम बताया और कहा कि वह स्टाफ है। उन्हें उस पर शक हुआ और उससे और पूछताछ की तो उसने बताया कि वह यहां ट्रेनिंग कर रहा है। उसके साथ अन्य लोग भी ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसके बाद वे जीआरपी की मदद से उसे जीआरपी थाने ले आये और उससे पूछताछ के आधार पर 15 अन्य लोगों को पकड़ लिया। सभी के पास से फर्जी आई कार्ड बरामद हुए। इनमें से दो लोगों अनुज प्रताप सिंह तथा अभिषेक कुमार के पास से फर्जी नियुक्ति पत्र भी प्राप्त हुआ।
पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि ये लोग पिछले 9 दिनों से यहां काम कर रहे थे। इन्हें ट्रेनों के कोच नंबर नोट करने की जिम्मेदारी दी गई थी। रोज इनके प्लेटफार्म बदल दिये और रोज रात दस बजे से सुबह छह बजे तक अपनी ड्यूटी कर रहे थे।
मामले में जानकारी देते हुए जीआरपी के सीओ कमरूल हसन ने बताया कि इन लोगों से पैसे लेकर इन्हें फर्जी नियुक्ति दी गई है। एक गिरोह नौकरी देने के नाम पर बेरोजगार युवकों से लाखों रुपये लेकर रेलवे में नौकरी देने के नाम पर ठगी करते हैं। गिरोह ने टीसी की नौकरी दिलाने के नाम पर पांच से पंद्रह लाख तथा पार्सल पोर्टर (सामान उठाने रखने वाला) के लिए एक लाख रुपये वसूले थे। पूछताछ में पता चला है कि रुड़की का एक प्रोपर्टी डीलर राकेश भट्ट बेरोजगार युवकों को फंसाने का काम करता है और इन्हें रुद्र प्रताप ठाकुर के पास भेजता था। इस काम में इनका साथ अनुज अवस्थी और रोहित देते हैं।
गिरोह के सरगना रुद्र प्रताप ठाकुर को पकड़ने के लिए जीारपी ने पनकी में छापेमारी की लेकिन वह पहले ही वहां से भागने में कामयाब हो गया। पुलिस ने उसकी गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया है।

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