आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : चुने हुए जनप्रतिनिधियों से मिली निराशा के चलते चेहरे पर बेबसी भरा आक्रोश, जुबां पर सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा और हाथों में नारे लिखी तख्तियां तथा कॉलोनी की सडकों की दुर्दशा देखकर हर किसी का दिल पसीज जाए। मगर नहीं पसीजा तो काशीपुर के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का पत्थर हो चुका दिल।
आप नेता दीपक बाली यह मंजर देख कर आश्चर्यचकित रह गए। जिन मासूम बच्चों के हाथों में किताब होनी चाहिए वें भी इस आंदोलन में तख्ती लिए इसलिए साथ खड़े हैं क्योंकि बरसातों में गड्ढों में समायी सड़क पर जब पानी भर जाता है तो स्कूल जाते इन बच्चों की साइकिले उन गड्ढों में फंस कर गिर जाती हैं और कपड़े और किताबों के भीग जाने के साथ साथ इन बेचारों को गंभीर चोटें भी लगती है।
यह नजारा कहीं और का नहीं बल्कि काशीपुर विधानसभा क्षेत्र की शंकरपुरी कॉलोनी का है जो अब विधायक के साथ-साथ नगर निगम के भी अधिकार क्षेत्र में वार्ड नंबर 5 में आती है। कल जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काशीपुर में जनसभा को संबोधित कर विकास के कार्यों का बखान कर रहे थे तब बाजपुर रोड पर स्थित शंकर पुरी कॉलोनी के लोग एकत्र होकर आंदोलन करने पर मजबूर थे और जुबां पर नारा था कि मेयर- विधायक हाय-हाय। इस बार सड़क नहीं तो वोट नहीं। बच्चे, बूढ़े, जवान स्त्री और पुरुष सभी इस आंदोलन में शामिल थे।
अचानक सूचना मिली तो आम आदमी पार्टी के चुनाव कैंपेन कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बाली पीड़ितों का दर्द सुनने पहुंच गए। मौके पर पहुंचे तो कॉलोनी वासियों की बेबसी और गड्ढों में समाई सड़क की दुर्दशा को देखकर वे दंग रह गए। ठीक से चल न पाने की इस स्थिति में भी पुलिया पर बैठी एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह इस क्षेत्र में 16 वर्षों से रह रही है। उसने आज तक यहां सड़क नहीं देखी। एक मासूम बच्चे से जब पूछा गया कि तुम यहाँ क्या कर रहे हो तो उसका जवाब था कि मैं कई बार बरसातों में इस सड़क पर भरे पानी के गड्ढों में गिर चुका हूं और एक बार तो मेरी टांग भी टूट गई थी। मेरे दूसरे साथी बालक भी स्कूल जाते समय सड़क पर गिरते रहते हैं। गरीब परिवार का हूं फिर भी जैसे तैसे मेरे माता पिता ने मेरा इलाज कराया। मुझे बताया गया कि आज राजनीति करने वाले नहीं राजनीति बदलने वाले आ रहे हैं इसलिए मैं भी बस्ती वालों और अपने साथी बच्चों के साथ यहां मौजूद हूं।
मासूम बालक सवाल करता है कि क्या आपका ही नाम दीपक बाली है सर? क्योंकि यहां चर्चा हो रही थी कि अब इस सड़क को दीपक बाली ही बनवा सकते हैं। इस बच्चे की बात सुनकर एवं कॉलोनी वासियों की उदासी और बेबसी देखकर आप नेता बाली ने मौके पर ही नगर निगम के नगर आयुक्त से मोबाइल पर वार्ता की और उन्हें जब मौके की स्थिति और बस्ती वासियों का दर्द बताया तो उन्होंने कहा कि प्रार्थना पत्र भिजवा दो शीघ्र ही होने वाले टेंडरों में इस सड़क को भी शामिल कर इसका निर्माण करा देगें।
पीड़ित जनता ने बताया कि बार-बार विधायक के चक्कर काटने पर भी वह सड़क बनवाना तो दूर हमारी बात तक नहीं सुनते। हमने मेयर साहिबा के यहां भी दस्तक दी मगर वहां भी निराशा के सिवाय कुछ नहीं मिला। अब हमने निर्णय लिया है कि सड़क नहीं तो वोट नहीं। इस पर आप नेता दीपक बाली ने कहा कि वोट देना आपका लोकतांत्रिक अधिकार है। वोट अवश्य देना और भले ही किसी को भी देना मगर हम प्रयास करते हैं कि वोट डालने से पहले आपके क्षेत्र की सड़क बन जाए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के विकास कार्य करने के लिए होते हैं मगर दुखद स्थिति है कि पिछले 20 वर्षों से जनता इसी तरह परेशान हैं और जनप्रतिनिधि शांत बैठे हैं। बाली ने बस्तीवासियों को विश्वास दिलाया कि वह प्रयास कर उनके क्षेत्र की सड़क का निर्माण कराएंगे।
मौके पर आम आदमी पार्टी की महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष गीता रावत, महिला मोर्चा की महानगर उपाध्यक्ष पूजा अरोरा, विधानसभा सचिव मधुबाला सचदेवा, अमित सक्सैना, जिला सचिव तेजवीर सिंह, जय वीर यादव, गौरव दहिया, महानगर उपाध्यक्ष मनोज कुमार शर्मा, देवराज,आरेंद्र वर्मा तथा वार्ड नंबर 5 की इस कॉलोनी के शिव, राजेश, धर्मात्मा, यशोदा, करण सिंह, सतनाम सिंह, राज कुमार वर्मा, बलविंदर सिंह, सुजान सिंह, राम लखन, बालक सतीश, सुमेर, राजन, इकबाल, धरमवीर, ज्ञानेंद्र, वीरेंद्र कुमार, इकबाल सिंह, नरेंद्र, बृजपाल सहित दर्जनों स्त्री पुरुष मौजूद रहे।