देहरादून (महानाद) : पुलिस ने 2018 में हुई शिक्षक की हत्या का खुलासा करते हुए शिक्षक की पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बता दें कि 16 जून 2018 को रिंग रोड पर किसान भवन के पास एक कार में गहड़ हिंडोलाखाल, टिहरी के मूल निवासी शिक्षक किशोर चौहान का शव बरामद हुआ था। तभी से पुलिस मामले की गुत्थी सुलझाने में लगी थी।
आखिरकार हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि हुआ तो पता लगा कि स्नेहलता तथा अमित कार्ले के बीच में काफी लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वर्ष 1999 में अमित कार्ले डीएवी तथा स्नेहलता डीबीएस कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रही थी। दोनों के बीच तब अच्छे रिश्ते थे। 2000 में अमित आईटीबीपी में भर्ती हो गया तथा स्नेहलता आगे पढ़ाई करती रही। इसके बाद अमित कार्ले 2006 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हो गया और उसने आईटीबीपी की नौकरी छोड़ दी। वहीं 2004 में अमित और 2005 में स्नेहलता की अलग-अलग जगह शादी हो गई और दोनों एक-दूसरे के संपर्क से दूर हो गए। लेकिन सितंबर 2017 में फेसबुक के जरिए एक बार फिर से दोनों एक-दूसरे के संपर्क में आए और पुराना प्यार भड़क उठा। दोनों में मुलाकात का दौर शुरू हो गया।
स्नेहलता से मिलने के चक्कर में अमित कार्ले ने स्नेहलता के पति किशोर से दोस्ती कर ली। हरिद्वार में तैनात सिपाही अमित जब भी देहरादून अपने घर आता तो वह स्नेहलता से भी मिलता। इसकी भनक जब स्नेहलता के पति किशोर को लगी तो उसने इनका विरोध करना शुरु किया। जिसके बाद दोनों ने किशोर को रास्ते से हटाने की ठान ली। उस समय किशोर जीआईसी सजवाण कांडा, देवप्रयाग में तैनात थे। वहीं स्नेहलता जीआईसी शिवाली घाट, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग में शिक्षिका के पद पर तैनात थी। इसके बाद 8 जून 2018 को स्नेहलता और अमित एक होटल में मिले और दोनों ने किशोर की हत्या की योजना बनाई।
विदित हो कि एक सिपाही से अपनी पत्नी के अवैध रिश्ते का पता लगने पर किशोर डिप्रेशन में रहने लगे थे और शराब पीने लगे थे। 15 जून को किशोर पत्नी से विवाद के बाद सुबह से शराब पी रहे थे। शाम को किशोर जब शराब पीकर बेसुध हो गए तो स्नेहलता ने किशोर को कार में बैठाया और आराघर चौक पहुंची। जहां चौकी के पास खड़े अमित को देखकर स्नेहलता कार से उतर गई और पति को अमित के हवाले कर दिया। इसके बाद अमित कार को सर्वे चौक, राजपुर रोड, आईटी पार्क होते हुए रिंग रोड पहुंचा और वहां पर गला दबाकर किशोर की हत्या कर दी और किशोर का मोबाइल भी झाड़ियों में फेंक दिया। हालांकि, मोबाइल बरामद नहीं हो सका।
वहीं, जब अमित ने किशोर की हत्या करने की ठान ली तो उससे पहले उसने स्नेहलता से फोन पर बात करनी कम कर दी। और हत्या वाले दिन वह अपना मोबाइल हरिद्वार छोड़कर देहरादून पहुंचा जिससे पुलिस उसकी लोकेशन न जान सके। हत्या के दौरान स्नेहलता से संपर्क साधने के लिए अमित ने दूसरा फोन खरीदा था।
17 जून 2018 को किशोर चौहान के भाई की शिकायत पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर 28 जून 2018 को किशोर चौहान की पत्नी स्नेहलता और उसके प्रेमी सिपाही अमित पार्ले को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 36 गवाह पेश किए। मोबाइल रिकॉर्डिंग और वायस सैंपलिंग की जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि दोनों में एक माह में 200 से ज्यादा बार बात हुई थी। अमित पार्ले ने घटना के दिन जो मोबाइल और सिम इस्तेमाल किया था, वह महज घटना के दिन कुछ ही घंटों के लिए इस्तेमाल हुआ था। तीन साल चले मुकदमें में साक्ष्यों के आधार पर एडीजे चतुर्थ चंद्र मणि राय की कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दे दिया है।