जसपुर : श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन हुआ ‘कृष्ण-मित्र सुदामा’ का गुणगान

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पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के अंतिम दिन की कथा श्री धर्मशाला मंदिर जसपुर में संपन्न हुई। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सप्तम (अंतिम) दिवस के अवसर पर सहारनपुर से पधारे मनोज व्यास जी महाराज ने सुदामा चरित्र का सुंदर वर्णन किया।

उन्होंने कहा सुदामा भले ही निर्धन था। लेकिन उसने भगवान से दुनिया की दौलत नहीं मांगी, भक्ति मांगी द्वारकाधीश के महलों पर जाकर भी उसने अपनी गरीबी का रोना नहीं रोया। लेकिन भगवान तो अंतर्यामी हैं। जो उनकी शरण में श्रद्धा और भाव से अहंकार से रहित होकर आता है वे उसकी झोलियां अपने आप भर देते हैं। प्राणी को भगवान से भगवान को मांगना चाहिए। अच्छे कर्म करने चाहिए। किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए किसी के काम आए यह सबसे बड़ी भक्ति है।

अंतिम दिन की कथा में रमेश ग्रोवर, त्रिलोक अरोरा, हरीश ग्रोवर, सतीश ग्रोवर, अतुल बंसल, विनोद दुआ, विमल अग्रवाल, महेंद्र अरोरा, राकेश खुराना, सुरेश अरोरा, सतीश अरोरा, विनोद ठुकराल, हरिओम सिंह, आशा रानी, गीता खुराना, सिया ग्रोवर, दीक्षा दुआ, अनीता नारंग, रजनी, माया अग्रवाल, कमलेश अग्रवाल, सोनिया, सुमित्रा, सरिता, सविता, साक्षी ठुकराल, ममता, पूजा, पूनम, रचना, अर्चना समेत बड़ी संख्या में पुरुषों एवं महिलाओं भक्तों ने श्रीमद् भागवत कथा में नृत्यगान कर भगवान श्री कृष्ण की लीला का गुणगान किया।

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