गोरखपुर (महानाद) : पांच साल पहले अपने प्रेमी को पाने के लिए एक महिला ने हथौड़े से मारकर तड़फा-तड़फा कर अपने अपने पति की जान ले ली थी। इतना ही नहीं उसने अपने मासूम बेटे को भी गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन बावजूद इतना सब करने के वह आज भी अपने प्रेमी से नहीं मिल पाती है।
बता दें कि जनवरी 2016 में शाहपुर के बशारतपुर निवासी अर्चना के पति डाॅक्टर ओमप्रकाश व उनके इकलौते बेटे की घर में ही हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने ओमप्रकाश की मां बागेश्वरी देवी की तहरीर के आधार पर ओमप्रकाश की पत्नी अर्चना व उसके प्रेमी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया था।
पुलिस ने बताया था कि फिरोजाबाद निवासी अजय से अर्चना की फ्रेंडशिप फेसबुक के जरिए हुई थी। जब भी अर्चना लखनऊ स्थित अपने मायके जाती तो दोनों वहां छिप छिपकर मिलते थे। एक बार पति ओमप्रकाश को शक होने पर जब उसने अर्चना के अवैध संबंधों का विरोध किया। तो अर्चना से उसे जान से मारने की प्लानिंग कर ली। घटना की रात को अजय वहां पहुंचा। अर्चना ने दरवाजा खोलकर अजय को घर के अंदर बुलाया और दोनों ने मिलकर घर में सो रहे ओमप्रकाश की हथौड़े से मारकर बड़ी ही बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। इस दौरान उसका इकलौता बेटा नितिन जाग गया और अपने पिता को खून से लथपथ देख अपनी मां की गोद में छिप गया। लेकिन कलियुगी मां ने उसका भी गला घोंटकर उसकी जान ले ली।
जिसके बाद ओमप्रकाश की मां की तहरीर के आधार पर तथा जांच कार्रवाई कर पुलिस ने अर्चना और उसका प्रेमी अजय को जेल भेज दिया। उसके बाद से दोनों को ही जमानत नहीं मिली। तथा सबूतों के आधार पर हत्या का आरोप साबित होने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानप्रकाश शुक्ला की अदालत ने 17 अक्तूबर 2020 को दोनों को उम्रकैद की सजा सुना दी।
इस सबके बावजूद दोनों को अपने इस कृत्य के लिए कई भी पछतावा नहीं है। दोनों ने जेल में रहते हुए एक-दूसरे से मुलाकात करने के लिए कई बार एप्लीकेशन दी लेकिन दोनों में कोई कानूनी रिश्ता न होने के कारण उन्हें कभी भी मिलने की इजाजत नहीं दी गई। एक दूसरे के प्यार में अंधे होकर कातिल बने अर्चना और अजय के मिलने का सपना कभ्राी पूरा नहीं हो पाया। पति और बेटे को मौत के घाट उतार देने के बावजूद अर्चना अजय से मिल भी नहीं पा रही।