रुद्रपुर (महानाद) : हाइटेक होते अपराधियों से मुकाबले के लिए अब ऊधम सिंह नगर पुलिस को भी हाईटेक कर दिया गया है। जिले की पुलिस को अब अत्याधुनिक गन एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल) से लैस कर दिया गया है। वहीं दशकों पुरानी आउटडेटेड हो चुकी 303 (थ्री नॉट थ्री) राइफल को मुक्ति देते हुए पुलिस लाइन के मालखाने में रखवा दिया गया है।
बता दें कि कि पुलिस विभाग के पास अपराधियों से निबटने के लिए दशकों से थ्री नॉट थ्री राइफल ही मौजूद थी। जिस कारण उसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस बदमाशों का सामना करने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। 303 राइफल में कारतूस लोड करने और उसे खोलने और बंद करने की प्रक्रिया काफी लंबी है, जबकि एसएलआर राइफल में गोली को बार-बार लोड करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है और एक राउंड फायर होने के बाद दूसरी गोली अपने आप चेंबर में आ जाती है।
अब रुद्रपुर, काशीपुर, बाजपुर थानों सहित जिले के ज्यादातर थाना से 303 राइफल को पूरी तरह सेवानिवृत्ति दे दी गई है। यहां तक कि होमगार्ड के जवानों को भी एसएलआर से लैस कर दिया गया है।
वहीं, डीआईजी नैनीताल कुमाऊं परिक्षेत्र नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अपराध की दृष्टि से प्रदेश के संवेदनशील जिलों – नैनीताल, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और देहरादून जनपद से प्रथम चरण में थ्री नॉट थ्री राइफल को हटाकर पुलिस कर्मियों को एसएलआर से लैस कर दिया जाएगा। द्वितीय चरण में राज्य के पर्वतीय जनपदों से धीरे-धीरे 303 राइफल को हटा दिया जाएगा। वहीं ऊधम सिंह नगर तथा नैनीताल जिले में अपराधियों पर सख्ती से लगाम लगाने के लिए चीता पुलिस को अब बड़े हथियार की जगह अत्याधुनिक पिस्टल से लैस किया जाएगा।
बता दें कि पिछले साल डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार ने पुलिस महकमे को मॉडर्न बनाने के लिए पुराने हथियारों को हटाए जाने की बात कही थी। इसके लिए अंग्रेजों के जमाने की पुरानी 303 (थ्री नॉट थ्री) रायफलों को हटाकर इंसास (इंडियन स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम) असॉल्ट रायफल तथा एसएलआर (सेल्फ लोडिंग रायफल) देने की बात कही थी। उन्होंने बताया था कि सीआरपीएफ इंसास रायफलों को हटाकर अन्य असॉल्ट रायफलों को अपनाने जा रही है। जिस कारण सीआरपीएफ से रिटायर की जाने वाली लगभग 8000 इंसास राइफलों को उत्तराखंड पुलिस को दे दिया गया है।