भू-अध्यादेश कानून लागू करने की मांग को लेकर भैरव सेना ने किया प्रदर्शन

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देहरादून (महानाद) : शनिवार को भैरव सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता संगठन अध्यक्ष संदीप खत्री के नेतृत्व में देवभूमि उत्तराखंड में संस्कृति और परंपराओं को बचाने के लिए भू-अध्यादेश कानून तथा सरकारी अधिग्रहण से हिंदू मंदिरों को मुक्त कर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर लैंसडाउन चौक पर पहुंचे।

उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा देकर भू-अध्यादेश कानून लागू करने की मांग के लिए एकत्रित हुए कार्यकर्ता पहाड़ी वाद्य यंत्रों की थाप पर उग्र नारेबाजी करते हुए घंटाघर से होते हुए गांधी पार्क पहुंचे। वहां पर उत्तराखंड के वरिष्ठ आंदोलनकारी स्वामी दर्शन भारती तथा आशा नौटियाल ने भैरव सेना के कार्यकर्ताओं के द्वारा उठाई जा रही मांग का भरपूर समर्थन कर गांधी पार्क के बाहर ही सांकेतिक धरने पर बैठ गए। जिससे क्षेत्रीय संगठन के कार्यकर्ताओं का मनोबल और बढ़ गया।

भैरव सेना अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा कि हमने क्षेत्रीय स्तर के कई मुद्दों पर आंदोलन किया है। इस समय उत्तराखंड में भू-अध्यादेश कानून की आवश्यकता है। नहीं तो आने वाला समय उत्तराखंड के मूल निवासियों के लिए किराए का घर मात्र रह जाएगा। विरोध प्रदर्शन में आए राज्य आन्दोलनकारी रेवती बिष्ट ने कहा कि पहाड़ को बचाने के लिए एक विशेष राज्य का दर्जा देना आवश्यक हो गया है। उत्तराखंड में युवा संसाधनों की कमी के चलते रोजगार की चाह में दूसरे राज्य में पलायन कर रहा है। परंतु दूसरे राज्य के लोग उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में अपने परिवार सहित बस कर वहां की संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

राज्य आन्दोलनकारी आशा नौटियाल ने कहा कि हम किसी भी प्रकार से बाहरी राज्यों से आए लोगों का विरोध नहीं करते परंतु अपनी संस्कृति और परंपराओं को बचाए रखने के लिए यह भू-अध्यादेश कानून लाना आवश्यक है ताकि रोजगार की चाह में आए बाहरी व्यक्ति लीज पर लेकर कारोबार कर सके परंतु यहां का मालिकाना हक न ले सकें।

राज्य आंदोलनकारी थापा ने कहा कि भू-अध्यादेश कानून उत्तराखंड राज्य बनने के समय से ही लागू हो और जिन लोगों ने यहां पर जमीनें ली है। उनके लिये ऐसा प्रावधान बने कि वह जमीन केवल उत्तराखंडियों को ही बेच सकें।

भैरव सेना के सांकेतिक धरना कार्यक्रम की व्यवस्था जिला अध्यक्ष शैलेंद्र भट्ट, जिला मीडिया प्रभारी भूपेंद्र भट्ट, जिला संयोजक सौरभ पार्छा तथा महानगर अध्यक्ष अशोक पंडित ने संयुक्त रूप से की।

उधर, देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर भी भैरव सेना के प्रदेश महासचिव आचार्य उमाकांत भट्ट तथा महानगर धर्माचार्य उपेंद्र पंत ने पंडा समाज को एकत्र कर बोर्ड को अति शीघ्र भंग कर हक-हकूकधारियों के साथ न्याय की मांग की। वही देवस्थानम बोर्ड को लेकर भैरव सेना के आंदोलन को हक-हकूकधारियों का समर्थन भी मिला। जिसमें इस एक्ट का विरोध करने वाले तीर्थ पुरोहित भी शामिल हुए और तीर्थ पुरोहित के बोर्ड के अध्यक्ष राजेश सेमवाल के द्वारा फोन पर भैंरव सेना अध्यक्ष से वार्ता भी की गई और देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की सराहना की।

कार्यक्रम में पूरण चंद, सत्यवीर सिंह, सुमित डंगवाल, संजीव पयाल, राहूल सूद, रमेश नेगी, अमरजीत सिंह, आशीष चमोली, अन्नू राजपूत, कमल नेगी, अनिल तिवारी, विवेक तथा राजा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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