जसपुर : तीन लाख रुपये रिश्वत मांगने के मामले में वन क्षेत्राधिकारी संस्पेंड

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पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : अवैध खनन में लगी जेसीबी व डंपर को वापस लौटाने की एवज मे तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में प्रमुख वनरक्षक ने वन क्षेत्राधिकारी को सस्पेंड कर दिया।

बता दें कि प्रमुख वनरक्षक ने क्षेत्राधिकारी दक्षिणी जसपुर आनंद सिंह रावत पर वन अपराध निस्तारण हेतु अभियुक्तों से पैसों के लेनदेन की वार्ता की ऑडियो रिकॉर्डिंग की प्रथम दृष्टया पुष्टि होने पर विस्तृत जांच के लंबित रहते हुए उन्हें उनके पद से सस्पेंड कर दिया है।

प्रमुख वन रक्षक विनोद कुमार ने अपने आदेश में कहा है कि सस्पेंशन की अवधि में आनंद सिंह रावत वन क्षेत्राधिकारी को वन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि देय होगी। उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता आदि दिया जाएगा।

आनंद सिंह रावत पर आरोप है कि 21 फरवरी को पुलिस चौकी धर्मपुर की पुलिस ने वन क्षेत्र से अवैध खनन करते हुए जेसीबी मशीन तथा डंपर को कब्जे में लिया था। वन विभाग की भूमि का मामला होने के कारण पुलिस ने 22 फरवरी को वन क्षेत्राधिकारी जसपुर दक्षिणी का0े जेसीबी मशीन और डंपर सुपुर्द कर दिया था। जेसीबी मशीन के मालिक नगर निवासी कोमल सिंह ने स्वयं को निर्दाेष बता कर वन क्षेत्राधिकारी आनंद सिंह रावत से दोनों वाहन छोड़ने की गुहार लगाई। इस पर वन क्षेत्राधिकारी ने उससे तीन लाख रुपए की रिश्वत दिए जाने की मांग की।

मोबाइल पर हुई वार्ता को कोमल सिंह ने रिकार्ड कर लिया। डंपर व जेसीबी छूटने के बाद ऑडियो को किसी माध्यम से प्रमुख वनरक्षक के पास भिजवा दिया। प्रमुख वनरक्षक ने ऑडियो में हुई वार्ता को प्रथम दृष्टया सच मानकर आनंद सिंह रावत को सस्पेंड कर दिया।

मामले में जानकारी देते हुए कोतवाल जेएस देउपा ने बताया कि वन विभाग की भूमि में अवैध खनन करते हुए जेसीबी मशीन और डंपर बरामद किए थे। जिसे वन क्षेत्र अधिकारी के सुपुर्द कर दिया था।

मामले में जांच अधिकारी बनाए गए डीएफओ बीएस शाही ने बताया कि ऑडियो में प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए इसलिए आनंद सिंह रावत को सस्पेंड किया गया है उन्हें अभिलेख अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। अभिलेख प्राप्त होने पर जांच आगे बढ़ेगी।

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