यूपी : किसान बनेगा मालिक, 50.10 लाख किसानों को योगी ने बनाया शेयर होल्डर

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लखनऊ (महानाद) : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ स्थित लोकभवन में गन्ना किसानों को शुगर मिलों का शेयर होल्डर बनाने का अभियान शुरू किया। इस मौके पर 11 किसान वक्ताओं को सुनने के बाद उन्होंने उनकी जमकर तारीफ करते हुए कहा कि आप ऐसा बोलने लगेंगे तो मुझे लगता है देश के तमाम नेताओं को रिटायरमेंट की तरफ जाना पड़ जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश की शुगर मिलें आपकी भी हैं। प्रदेश में पहली बार सरकार 50.10 लाख गन्ना किसानों को शेयर सर्टिफिकेट दिये जा रहे हैं। योगी ने कहा कि किसान सर्दी, गर्मी, बरसात की परवाह किए गए बगैर देश और प्रदेश की खुशहाली में अपना योगदान दे रहे हैं। आज का कार्यक्रम देश के सहकारिता आंदोलन को पुनर्जीवित करने का अभियान है। किसान अन्नदाता है। वह जिस व्यवस्था के साथ जुड़ा है उस व्यवस्था का मालिक बनेगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले यूपी में गन्ना माफिया हावी थे। किसानों को मिलों पर पर्ची नहीं मिल पाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। तकनीक के साथ किसानों को जोड़कर एक व्यवस्था बना दी गई। पर्ची हो न हो स्मार्ट फोन तो है। प्रधानमंत्री मोदी इसीलिए कहते हैं कि भ्रष्टाचार खत्म करना है तो तकनीक अपनाओ। गन्ना विभाग ने यह तकनीक इसीलिए अपनाई ताकि किसानों को भ्रष्टाचार का शिकार न होना पड़े। कोरोना काल में यदि हम तकनीक लागू न करते तो चीनी मिलों को चला पाना मुश्किल था। महराष्ट्र से लेकर ब्राजील तक की तमाम चीनी मिलें बंद हो गईं।

मुख्यमंत्री योगी ने किसानों से कहा कि यहां पर लगभग 11 किसान भाइयों-बहनों ने अपनी बात रखी। कोई कह ही नहीं सकता कि वे किसान हैं। यानी किसान तो हैं लेकिन जिस वाकपटुता का परिचय उन्होंने दिया वो अत्यंत अभिनंदनीय है। मुझे लगता है कि आप ऐसे बोलने लग जाएंगे तो तमाम नेताओं को रिटायरमेंट की ओर जाना पड़ेगा। आप बोल रहे थे क्योंकि आप उस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। आपको इस क्षेत्र की व्यवहारिक जानकारी है। स्वाभाविक रूप से शासन-सत्ता में जो लोग बैठे होते हैं उन्हें व्यवहारिक कम सैद्धांतिक ज्यादा जानकारी होती है।

बता दें कि योगी सरकार की योजना के मुताबिक प्रदेश के 40 जिलों की 168 सहकारी गन्ना विकास समितियों और 24 सहकारी चीनी मिल समितियों से आने वाले गन्ना किसानों को शेयर होल्डर प्रमाणपत्र दिया जा रहा है। ये सभी किसान सहकारी चीनी मिल और सहकारी गन्ना समितियों के शेयर-होल्डर हैं। कोई भी गन्ना किसान 200 रुपए की फीस जमाकर विभाग में शेयर धारक बन सकता है।