सल्ट में बुरा है खुशियों की सवारी 102 का हाल

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मोहित गोयल
सल्ट (महानाद) : सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए हर अस्पताल में 102 ‘खुशियों की सवारी’ की व्यवस्था की है, जिसमें गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लाने ले जाने की व्यवस्था और प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को घर तक निःशुल्क छोड़ने की सुविधा दी जाती है। जिसके लिए इन खुशियों की सवारी का फिट होना बहुत जरूरी है। लेकिन सल्ट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवालय में 102 खुशियों की सवारी के बहुत बुरे हाल हैं।

यहाँ जो 102 गाड़ी है उसके टायरों की खस्ताहाल देखने के बाद डर लगता है कि कहीं रास्ते में बीच जंगल में खड़ी होने पर किसी तरह की कोई अनहोनी ना हो जाए। ऐसा लगता है कि इन खुशियों को लाने वाली सवारी के टायर अपने बदले जाने के लिए किसी दुर्घटना का इंतज़ार कर रहे हैं।

जब हमने गाड़ी के चालक से इस गंभीर विषय पर जानकारी ली तो उसने बताया कि उसने अपने अधिकारियों को इस संबंध में कई बार सूचना दे दी है, लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई अभी तक नहीं हो पायी है। फिलहाल सल्ट की गर्भवती महिलाओं का जीवन इस खुशियों की सवारी 102 में खतरे में है।

वहीं, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवालय सल्ट द्वारा चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही पर आदेश पारित किये गये हैं।

बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सल्ट में नेपाली मूल की एक गर्भवती महिला के पति द्वारा शिकायत की गई थी, जिसमें उस महिला को जिस 108 एम्बुलेंस से हॉस्पिटल लाया गया उसी एम्बुलेंस में रास्ते में महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया। जिसके उपरांत हॉस्पिटल पहुँचने पर जच्चा-बच्चा को आधे घंटे तक भी कोई चिकित्सा कर्मी सुध लेने नहीं आया और महिला अपने नवजात शिशु सहित अपने परिजनों के साथ एम्बुलेंस में ही चिकित्सकों का इंतज़ार करती रही, जिससे जच्चा-बच्चा के जीवन के खतरे का भय बन गया था।

ऐसी लापरवाही सामने आते ही प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौरभ सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत संज्ञान में लेकर सभी चिकित्सा कर्मियों को आदेश दिया कि भविष्य में मरीजों के साथ इस तरह की लापरवाही की पुनरावृत्ति ना होने पाए ताकि किसी भी मरीज के इलाज में या देखभाल में विलंब ना होने पाए।

यदि भविष्य में इस तरह की लापरवाही पाए जाने पर वह चिकित्सा कर्मी स्वयं जिम्मेदार होंगे।