विश्व पर्यावरण दिवस पर निरंकारी श्रद्धालुओं ने चलाया अभियान

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आकाश गुप्ता
काशीपुर/नैनीताल (महानाद) : संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष के 15 पर्वतीय शहरों में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अभियान चलाया गया।

सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज के आशीर्वाद से चिन्हित स्थानों पर स्वच्छता अभियान, पर्यावरण की सुरक्षा हेतु नुक्कड़ नाटक तथा प्लास्टिक के इस्तेमाल से प्रदूषण होने के विषय में यह दिवस मनाया गया। सतगुरु बाबा हरदेव सिंह महाराज ने भी यही संदेश दिया था कि ‘प्रदूषण अंदर हो या बाहर दोनों हानिकारक है।’

आज प्रातः काल 8 बजे के पश्चात दोपहर 1 बजे तक नैनीताल पर्वतीय पर्यटक स्थल पर जसपुर जोन एवं बरेली जोन के सेवादारों और संतों ने उत्साह पूर्वक नैनीताल में पहुंचकर वहां इस सेवा के कार्य में योगदान दिया। इसका शुभारंभ स्थानीय नगर निगम अध्यक्ष द्वारा किया गया। जोनल इंचार्ज राज कपूर, बरेली जोन के इंचार्ज संजीव, हल्द्वानी से सुभाष जी, अपने-अपने क्षेत्र के संत महापुरुषों के साथ यहां उपस्थित रहे।

स्थानीय ब्रांच काशीपुर से संचालक प्रवीन अरोरा, सहसंचालिका बहन मुन्नी चौधरी की देखरेख में लगभग 200 सेवादल के भाई बहन एवं साध संगत के सदस्यों ने भी उत्साह से वहां पहुंचकर तल्लीताल, माल रोड, पोस्ट ऑफिस, स्नो व्यू, इत्यादि अनेक स्थानों पर अधिकारियों द्वारा दी गई सेवा बखूबी निभाया। यहां पहुंचे देश-विदेश के अनेक सैलानियों एवं स्थानीय लोगों के द्वारा प्रतिवर्ष किए जाने वाले इस अभियान की बहुत बहुत प्रशंसा की गई। लगभग 3000 श्रद्धालुओं ने नैनीताल पहुंचकर इन सेवाओं में भाग लिया।

सेवादल की खाकी वर्दी पहने हुए जवानों एवं बहनों की सेवा दल तथा साध संगत और एसएन सीएफ के महापुरुषों के द्वारा एकता और अनुशासन के संदेश के साथ-साथ मिशन की सिखलाईयों का भी जीवन्त उदाहरण प्रस्तुत किया गया। सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का संदेश कि हम सभी ने पर्यावरण संतुलन के प्रति जागरूक रहना है और इस सृष्टि में पर्यावरण की देखभाल करना हमारा सभी का कर्तव्य है।

आज इस दिवस पर नैनीताल, ऋषिकेश, मंसूरी, लैंसडाउन, शिमला, मनाली, धर्मशाला, सापुतारा, महाबलेश्वर, पंचगनी, खंडाला, लोनावला, पन्हाला, जोरेधांग, नंदी हिल्स 15 पर्वतीय पर्यटक स्थलों पर यह अभियान चलाया गया। सेवादार भाई बहन बच्चों और साथ संगत के सदस्य में भरपूर उत्साह देखने को मिला आए हुए समस्त संतों के लिए वहीं पर गुरु के लंगर की सुंदर व्यवस्था भी की गई।

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