हरिद्वार : पुलिस ने तोड़ा साइबर ठगों का जाल, 400 करोड़ की ठगी को अंजाम देने वाले 2 गिरफ्तार

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हरिद्वार (महानाद) : पुलिस ने छत्तीसगढ़ के जामताड़ा के साइबर ठगों का जाल तोड़ते हुए लॉटरी निकलने और कूरियर से सामान भेजने का झांसा देकर लोगों से साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से मोबाइल और बैंकों की पासबुक बरामद की है। गिरोह ने कई लोगों के नाम से बैंक खाते खुलवा रखे हैं और अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। वहीं गिरोह के सरगना की तलाश में पुलिस की एक टीम पश्चिम बंगाल भेजी गई है।

रविवार को मामले का खुलासा करते हुए एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि कुछ दिन पहले भगवानपुर में एक फैक्टरी में काम करने वाले गांव मकवा, थाना असरगंज जिला मुंगेर (बिहार) निवासी पवन कुमार से कूरियर के नाम पर दो लाख की ठगी हुई थी। ठगों ने कॉल कर कूरियर आने की बात कही थी और उसे लेने के लिए गूगल-पे पर पांच रुपये डालने की बात कहते हुए एटीएम कार्ड की डिटेल ली थी। इसके बाद मोबाइल पर ओटीपी भेजा था। बाद में साइबर ठगों ने दूसरे नंबर से कॉल कर ओटीपी मांगा था, लेकिन उन्होंने नहीं दिया था। इसके बाद खाते से रकम निकली थी।

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पुलिस ने पवन कुमार की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी थी। पुलिस दोनों मोबाइल नंबरों की जांच और लोकेशन तलाश कर रही थी। एसपी देहात ने बताया कि शनिवार देर शाम मोबाइल नंबरों की लोकेशन कलियर स्थित पार्किंग की मिली। इस पर पुलिस टीम कलियर पहुंची और ठगों की तलाश की और रमजान अली निवासी गांव पूर्वी दुल्लोपुर, थाना ईटाहार, जिला उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल व हाल निवासी मकान नंबर-1, चंद्रलोक, निकट बिहारी मार्केट, सेक्टर-28, चकरपुर, गुरुग्राम और संजय मंडल निवासी गांव व पोस्ट पूर्वी श्रीधरपुर, थाना रामदिघी, जिला 24 परगना, दक्षिण पश्चिम बंगाल व हाल निवासी एसएस टावर, निकट महावीर स्टोर, चकरपुर, सेक्टर-29, गुरुग्राम को गिरफ्तार कर लिया।

दोनों के पास से तीन बैंकों की पासबुक और तीन मोबाइल बरामद हुए। पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनका गिरोह जामताड़ा से संचालित होता है। उनका सरगना अकबर है और वह आसनसोल, पश्चिम बंगाल में रहता है। वे दोनों लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाते हैं और बदले में तीन हजार रुपये देते हैं। इसके बाद उनकी पासबुक, एटीएम व चेकबुक लेकर अकबर को दे देते हैं। इसके बदले अकबर उन्हें चार हजार रुपये देता है। इसके बाद वे अकबर के साथ मिलकर लोगों को लॉटरी और कूरियर के नाम पर कॉल कर एटीएम की डिटेल और ओटीपी लेकर ठगी करते हैं। दोनों ने बताया कि अब तक उन्होंने 200 लोगों के खाते खुलवाए हैं और लगभग 400 करोड़ रुपये की ठगी कर इन खातों में रकम ट्रांसफर की है। एसपी देहात ने बताया कि अकबर की तलाश में पुलिस की एक टीम पश्चिम बंगाल भेजी गई है। तथा दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

उन्होंने बताया कि पुलिस जांच कर रही है कि ये दोनों कब से कलियर क्षेत्र में रह रहे थे। साथ ही इस गिरोह ने किन-किन लोगों से ठगी की है। इसके अलावा जिन बैंकों की पासबुक मिली है, उन बैंकों की भी जांच की जा रही है। पुलिस को शक है कि साइबर ठगों से बैंक अधिकारी और कर्मचारी भी मिले हो सकते हैं।

वहीं, एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत और एसपी देहात ने साइबर ठगी के गिरोह का खुलासा करने पर एसओ पीडी भट्ट की पीठ थपथपाते हुए कहा कि साइबर ठग गिरोह को पकड़ना मुश्किल काम है। एसओ ने टीम के साथ मेहनत कर गिरोह को पकड़कर बड़ा काम किया है। एसएसपी ने पुलिस टीम करे ढाई हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की।

पुलिस टीम में एसओ पीडी भट्ट, एसआई शैलेंद्र ममगाईं, सिपाही अकबर, सुधीर कुमार, अमर और लाल सिंह शामिल रहे।

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