काशीपुर ब्रेकिंग : तो क्या उर्वशी बाली ही बन जायेंगी दीपक बाली की राह का रोड़ा?, देखें वीडियो

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विकास अग्रवाल/आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : प्रदेश के साथ-साथ काशीपुर का भी चुनावी माहौल गर्माने लगा है। आज तहां आम आदमी प्रत्याशी दीपक बाली ने अपना नामांकन किया तो वहीं उनकी पत्नी उर्वशी बाली ने भी आज ही अपना नामांकन दाखिल किया है। उर्वशी बाली द्वारा नामांकन करने के बाद चर्चायें हैं कि क्या अभी तक अपने पति दीपक बाली के साथ कंधे से कंधा मिलाये प्रचार कर रहीं उर्वशी बाली की राहें अलग हो चुकी हैं और उन्होंने अपने पति को ही चुनौती देने की ठान ली है?
लेकिन ऐसा है नहीं। दरअसल आज आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में जब दीपक बाली ने अपना नामांकन किया तो वहीं उनके डमी केंडिडेट के रूप में उनके धर्मपत्नी उर्वशी बाली ने भी अपना नामांकन किया है।
आम आदमी पार्टी के विधायक प्रत्याशी दीपक बाली ने आज उत्तराखंड नव निर्माण के संकल्प के तहत काशीपुर को भी विकास की बुलंदियों तक पहुंचाने का सपना लेकर उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने कोविड एवं चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने दो प्रस्तावको के साथ पहुंच कर नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके प्रस्तावको में सभी धर्म और जातियों के 10 प्रस्तावक तैयार थे मगर नामांकन के लिए अंदर केवल दो ही प्रस्तावक बाल्मीकि समाज से एडवोकेट श्वेता सिंह एवं वैश्य समाज की ओर से सुरेश चंद गुप्ता ही अंदर गए।
आपको बता दें कि ज्यादातर नेता नामांकन के समय ऐसा ही करते हैं। कहीं किसी कागजी कमी से उनका पर्चा कैंसिल न हो जाये इसलिए वे अपनी करीबी को भी एक पर्चा भरवा देते हैं। ताकि यदि उनका पर्चा कैंसिल हो जाये तो वे अपने करीबी के जरिए चुनावी मैदान में उतर सकें। ऐसा ही आज दीपक बाली और उनकी पत्नी उर्वशी बाली ने किया है।
वहीं, अपने नामांकन के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए आप प्रत्याशी दीपक बाली ने कहा कि अपने शहर की दुर्दशा को देखकर जब उनका मन द्रवित हो गया तो उन्होंने राजनीति में आने का निर्णय लिया। आम आदमी पार्टी को इसलिए चुना ताकि काम की राजनीति के तहत आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड के नव निर्माण का जो सपना लिया है उसके चलते काशीपुर का भी नव निर्माण कर सकें।


बाली ने बताया कि मेरे द्वारा एक सरकारी स्कूल को जिसे सरकार ने तोड़ने का आदेश दे दिया था, उसका जीर्णाेद्धार करने के बाद समझ में आया कि क्षेत्र के 107 स्कूलों को यदि ठीक करना है तो उसके लिए सरकारी ताकत होनी चाहिए और वह ताकत एक जनप्रतिनिधि के रूप में ही मिल सकती है। उसी ताकत को लेने के लिए विकास के क्षेत्र में काशीपुर के सोए भाग्य को जगाने के लिए मैं राजनीति में आया हूं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद से ही प्रदेश की जनता ने दो बार कांग्रेस तो दो बार भाजपा की सरकार बनाई मगर प्रदेश का विकास किसी ने नहीं किया। चुने हुए नेताओं ने कुछ नहीं किया और विकास के मामले में काशीपुर को रसातल में पहुंचा दिया। सारी समस्याएं ज्यों की त्यों मौजूद हैं। जनता के पास अब से पहले क्योंकि कोई दूसरा विकल्प नहीं था लेकिन अब इस बार चूंकि आम आदमी पार्टी एक सशक्त विकल्प के रूप में उत्तराखंड का नवनिर्माण करने के लिए आई है इसलिए उसकी काम की राजनीति के तहत काशीपुर की भी कायाकल्प हो यही सपना लेकर जनता की अदालत में लोकतंत्र के इस पर्व में विधायक प्रत्याशी के रूप में आया हूं और जनता से केवल एक ही वादा करता हूं कि काशीपुर के नव निर्माण के लिए केवल एक मौका दे दो। यदि काम नहीं कर सका तो दूसरे नेताओं की तरह मैं दोबारा दूसरा मौका मांगने नहीं आऊंगा।
इस मौके पर उनके साथ आप नेता प्रवीण कुमार, महानगर अध्यक्ष मनोज कौशिक, जिलाध्यक्ष मुकेश चावला, अमन बाली, सर्वेश बाली आदि मौजूद थे।

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