अक्टूबर माह का राशिफल: पं. गोविन्द राम की कलम से

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) :

मेष (चू, चे, चौ, ला, ली, लू, ले, लो, अ): मंगल की दृष्टि रहने से उत्साह एवं सौभाग्य में वृद्धि होगी। धनागमन के साधनों में वृद्धि होगी। ता. 17 से सूर्य की भी उच्च दृष्टि होने से रुके हुए कार्यो-आशाओं में सफलता तथा किसी नवीन कार्य की योजना भी बनेगी।
उपाय – आदित्य स्त्रोत का नित्य पाठ करें, शुभ रहेगा।

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वृष (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, बो): शुक्र सप्तमस्थ केतु युक्त रहने से किसी विशिष्ट व्यक्ति के सहयोग से कोई बिगड़ा काम बनेगा। परिवार में शुभ मंगल कार्य भी सम्पन्न होंगे। आकस्मिक धन लाभ होगा। परन्तु दाम्पत्य सुख में कमी व अनबन रहेगी।
उपाय – नित्य 21 दिनों तक गणेश अथर्व शीर्ष का पाठ करें, शुभ रहेगा।

मिथुन (क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह): वक्री एवं मार्गी अवस्था में बुध चतुर्थस्थ ही संचार करने से पराक्रम में वृद्धि(, धर्म स्थान की यात्रा एवं परिवार में खुशी के अवसर मिलेंगे। शनि की ढय्या के कारण परिवार में मतभेद एवं कलह के योग है। संयम रखें, कोर्ट-कचहरी भी हो सकती है।
उपाय – राम रक्षा स्त्रोत का नित्य 21 दिनों तक पाठ करें, शुभ रहेगा।

कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो): मासारम्भ मेें हालात में कुछ सुधार व कुछ बिगड़े काम बनेंगे। उच्च प्रतिष्ठित लोगों से मेल जोल होगा। ता. 17 के बाद ;चतुर्थस्थद्ध नीच सूर्य पर शनि की विशेष दृष्टि रहने से कारोबार में कई उतार चढ़ाव व अन्य परेशानियाँ रहेंगी, पारिवारिक मन मुटाव रहेगा।
उपाय – नित्य 31 दिनों तक सूर्य सूक्त का पाठ करें, शुभ रहेगा।

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे): कुछ सोची योजनाओं में आंशिक सफलता मिलेगी, धनलाभ सामान्य रहे। ता. 17 से सूर्य नीच राशिगत होने से व्यवसाय में अत्याधिक संघर्ष के बाद निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे। परिवार में व्यर्थ का तनाव और खर्च की अधिकता रहेगी।
उपाय – आदित्य हृदय स्त्रोत का नित्य पाठ करें, शुभ रहेगा।

कन्या (टो, प (प्र), पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो): वक्री बुध पुनः कन्या ;स्वद्ध राशि में ही सूर्य युक्त होने से आरम्भ में आराम कम व संघर्ष अधिक रहेगा, ता. 18 से बुध मार्गी होने से धन लाभ व उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी एवं व्यवसाय में उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। किसी प्रिय व्यक्ति से सम्बन्ध बनेंगे।
उपाय – गौ माता की सेवा करें, बुधवार को हरा चारा खिलाएं, शुभ रहेगा।

तुला (री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते): गत किए गए प्रयास फलिभूत होंगे। परिवार में शुभ एवं धार्मिक कार्यो पर खर्च अधिक होगा। सन्तान सम्बन्धी चिन्ता, परिवार में मतभेद तथा गुप्त चिन्ता रहेगी। अत्यधिक संघर्ष के बाद भी धनलाभ कम रहेगा।
उपाय – बृहस्पतिवार के दिन गाय को मीठी रोटी खिलाएं, शुभ रहेगा।

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, पा, पी, यू): नवीन कार्य की योजना को कार्य रूप देने के अवसर प्राप्त होंगे। धन लाभ की आशा बनेगी, जमीन के क्रय-विक्रय की सम्भावना होगी। उत्तरार्द्ध में 12वें सूर्य पर शनि की दृष्टि रहने से आवश्यक खर्चो की वृद्धि होगी। क्रोध व उत्तेजना रहेगी।
उपाय – नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करें, शुभ रहेगा।

धनु (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, डा): यद्यपि तनाव एवं क्रोध अधिक रहेगा। कार्य व्यवसाय में व्यस्तताएं बढ़ेगी। परिवार में व्यर्थ की परेशानी रहेगी, ता. 17 के बाद आलस्य व उत्तेजना अधिक रहेगी। अकस्मात होेने वाली यात्रा में सावधानी बरतें।
उपाय – नवरात्रि में नौ दिन तक नित्य चण्डी स्त्रोत/कवच का पाठ करें, शुभ रहेगा।

मकर (भे, ज, जी, जू, जे, जो, ख, खी, खू, खे, खो, ग, गी): मासारम्भ से पुरुषार्थ और परिश्रम करने पर गुजारे लायक धन की प्राप्ति होगी। अकस्मात विशिष्ट जनों से सम्पर्क बढ़ेगा। घरेलू कार्यो एवं वाहनादि पर खर्चो की बहुलता रहे। ता. 22 के बाद किसी निकटस्थ मित्र से मतभेद उत्पन्न होंगे।
उपाय – शनि स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा): किसी नए कार्य की योजना बनेंगी, आय के साधनों में विस्तार होगा, ता. 17 से भाग्यस्थ सूर्य पर शनि की दृष्टि रहने से परिवारिक मतभेद उत्पन्न होंगे कार्य का खर्च और भागदौड़ अधिक रहेगी।
उपाय – सूर्य को अर्ध्य दें और शनि चालीसा का पाठ करें, शुभ रहेगा।

मीन (दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, ची): गुरू नीचस्थ है अत्याधिक संघर्ष के बावजूद धन का लाभ सामान्य रहेगा। अधिकांश समय व्यर्थ के कार्यो में व्यतीत होगा। धन का अपव्यय बढ़े, वृथा बाद विवाद और परिवार में वैचारिक मतभेद रहेंगे।
उपाय – पीली चीजांे का दान करें, शुभ रहेगा।

 

।। श्री ठाकुर देवाय नमः ।।
पं. गोविन्द राम
ज्योतिषाचार्य

श्री बांके बिहारी मन्दिर

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श्री बांके बिहारी मन्दिर, मौहल्ला रहमखानी, पुरानी सब्जी मण्डी, काशीपुर (उ.सिं.नगर)

मो.:  8171689447

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