डीजीपी उत्तराखंड इन एक्शन : पुलिस अधिकारियों को दिये कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश

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सुहानी अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : डीजीपी उत्तराखंड (DGP Uttarakhand) अभिनव कुमार ने हाल ही में हुई सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर निदेशक यातायात, दोनों रेंज प्रभारी व समस्त एसएसपी/एसपी को कहा है कि जनपद अल्मोड़ा में बस में क्षमता से अधिक सवारियों के कारण तथा देहरादून में इनोवा कार की ओवर स्पीडिंग के चलते गंभीर सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनसे भारी जनहानि हुई है। इसी के साथ विगत वर्ष के सापेक्ष सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में शराब पीकर वाहन चलाना, माल वाहन में ओवर लोडिंग/सवारी होना, रेड लाइट जम्प करना, नाबालिग द्वारा वाहन चलाना, अन्य वाहनों से प्रतिस्पर्धा करना तथा मोबाइल का उपयोग करते हुए वाहन चलाना पाया गया है।

डीजीपी द्वारा राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु निम्नलिखित निर्देश दिए गए हैं –

निरोधात्मक कार्यवाही :
1. देर रात्रि तक चलने वाले बार-पब के लाइसेंस की जांच कर तद्नुसार वैधानिक कार्यवाही की जाए।
2. सार्वजनिक स्थान पर न्यूसेन्स एवं शराब पीने/पिलाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
3. पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं तथा उनका नियमित रखरखाव भी सुनिश्चित किया जाए।
4. पुलिस कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरों की नियमित निगरानी की जाए।
5. सड़क पर पर्याप्त मात्रा में साइन बोर्ड लगाए जाएं।
6. हॉट-स्पॉट पर साइन बोर्ड एवं उचित निगरानी की जाए।
7. अन्य विभागों से भी समन्वय कर आवश्यक कार्यवाहियां सुनिश्चित की जाएं।

कठोर कानूनी कार्यवाही :
सड़क दुर्घटना रोकने हेतु निरोधात्मक कार्यवाही –
1. नशे में वाहन चलाने वालों के लिए चेक पोस्ट/बैरियरों पर यातायात पुलिस को पर्याप्त कार्यशील एल्कोमीटर उपलब्ध कराए जाएं। नशे की स्थिति में पाए जाने पर धारा 185 मोटर यान अधिनियम 1988 (संशोधित 2019) के अंतर्गत कार्रवाई कर वाहन को सीज किया जाए।
2. स्पीडोमीटर अथवा रडार गन की मदद से ओवर स्पीड वाले वाहन चालकों के विरुद्ध धारा 112/183 के अंतर्गत कार्यवाही की जाए।
3. सवारी वाहन में क्षमता से अधिक सवारी पाए जाने पर धारा 194(1) के अंतर्गत कार्यवाही की जाए। माल वाहनों में ओवर लोडिंग/सवारी पाए जाने पर धारा 194 के अंतर्गत भी कार्यवाही की जाए।
4. नाबालिग द्वारा वाहन चलाने की स्थिति में उसके संरक्षक/वाहन स्वामी के विरुद्ध धारा 199ए के अंतर्गत कार्यवाही की जाए।
5. खतरनाक तरीके से वाहन चलाना, मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए वाहन चलाना और रेड लाइट जम्प करने पर वाहन चालक के विरुद्ध धारा 184 के अंतर्गत कार्यवाही की जाए।
6. सार्वजनिक स्थानों पर बिना अनुमति के वाहन चालक द्वारा दौड़/गति का मुकाबला करने पर धारा 189 के अंतर्गत कार्यवाही की जाए।

सड़क दुर्घटना के बाद वैधानिक कार्यवाही-
1. सार्वजनिक मार्ग पर अनाधिकृत रूप से वाहन चलाने पर धारा 281 बीएनएस के अंतर्गत कार्यवाही की जाए।
2. लापरवाही से वाहन चलाने की स्थिति में धारा 125 बीएनएस के अंतर्गत कार्यवाही की जाए।
3. जनहानि होने पर धारा 106(1) बीएनएस के अंतर्गत कार्यवाही की जाए।

बार और पब संचालकों के लिए निर्देश-
1. बार लाइसेंसधारक होटल, पब एवं रेस्टोरेंट प्रबंधकों को निर्देश दिया गया है कि नशे में व्यक्ति को व्यवसायिक स्थान से प्रस्थान करने पर वाहन चलाने से रोकें और उनके परिजनों को सूचित कर उन्हें सुपुर्द करें।
2. यदि परिजनों से संपर्क न हो सके, तो बार लाइसेंसधारक द्वारा ऐसे व्यक्ति को डायल 112 अथवा स्थानीय पुलिस को सूचित कर पुलिस वाहन से उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
3. निर्देशों का पालन न करने पर अगर कोई दुर्घटना घटित होती है, तो लाइसेंसधारक/प्रबंधक के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
4. दुर्घटना की स्थिति में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित थाना प्रभारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

समस्त जनपदीय पुलिस प्रभारी उक्त निर्देशों से सभी बार लाइसेंसधारक होटल, पब एवं रेस्टोरेंट प्रबंधकों को सूचित करेंगे। इसके साथ ही पुलिस महानिदेशक द्वारा गृह सचिव, उत्तराखंड शासन से समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश निर्गत करने हेतु भी अनुरोध किया गया है। इस प्रकार कड़े कदम सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने में सहायक होंगे।

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