देहरादून में जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि राजधानी में अब पॉड टैक्सी फर्राटा भरती नजर आएगी। शासन की और से सिंगापुर की तर्ज पर पर्सनल रैपिड ट्रॉजिट ट्रांसपोर्ट, पीआरटी के तहत बिना ड्राइवर वाली पॉड टैक्सी चलाने की योजना पर सहमति दी गई है। आइए जानते है इस पॉड टैक्सी की खासियत और रूट के बारे में…
मुख्य सचिव ने कही ये बात
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुख्य सचिव एस एस संधु का कहना है कि देहरादून में जहां नियो मेट्रो का संचालन नहीं होगा। वहां पर पीआरटी सिस्टम लागू होगा। उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कंप्रेंसिहिव मोबिलिटी प्लान के तहत पीआरटी सिस्टम का प्रजेंटेशन दिया। पहले चरण में पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन तक 6 किमी के रुट पर इसका संचालन किया जाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर पॉड टैक्सी को पंडितवाडी से रेलवे स्टेशन तक चलाया जाएगा।
दो मिनट के भीतर मिलेगी पॉड
आपको बता दें कि कोच को पॉड कहा जाता है। चालक रहित यह प्रणाली प्रत्येक कोच व पूरे ट्रैक पर स्थापित लेजर बेस्ड गाइडिंग के आधार पर संचालित होती है। इस प्रणाली में बनने वाले प्लेटफार्म पर लोग टच स्क्रीन कंट्रोल पैनल पर गंतव्य का स्थान डालेंगे और दो मिनट के भीतर पॉड वहां आ जाएगा।पॉड टैक्सी या विशेष तौर पर निर्मित गाइडवे नेटवर्क पर 4-6 यात्रियों की क्षमता वाले वाहन संचालित होंगे।
2026 तक पूरा होगा परियोजना
बताया जा रहा है कि पीपीपी मोड पर इसका संचालन होगा। चारों रूट के ट्रैक की लंबाई 20.8 मीटर होगी। मेट्रो कारपोरेशन की योजना के तहत पांच सौ पॉड टैक्सी चलाई जाएंगी। एक पॉड में छह लोग बैठ सकेंगे। इनकी स्पीड 40 से 60 किमी प्रति घंटे होगी। परियोजना का 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।