Uttarakhand News: मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में वर्षा जल संग्रहण के सम्बन्ध में बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्षाकाल में अत्यधिक वर्षा होती है, परन्तु बाकी समय पर पानी की समस्या रहती है। ऐसे में पानी की समस्या से बचने के लिए उन्होंने निर्देश दिए की रिवर एंड स्प्रिंग रिजूवनेशन के लिए बनाई जा रही अथॉरिटी अथवा एजेंसी के उद्देश्यों में अधिकतम संख्या में चेकडैम तैयार किए जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि वर्षा जल को चेकडैम आदि के माध्यम से रोक कर जल संग्रहण किया जा सकता है, जिससे वर्षभर पानी की उपलब्धता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि जल स्रोत से उत्तराखण्ड की सीमा तक सभी नदियों का मास्टर प्लान तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य जल संरक्षण की योजना तैयार की जाए, जिस पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा।
पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल की कमी को दूर करने में यह प्रदेश की 70 प्रतिशत से अधिक वन भूमि महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे प्रदेश के अधिकतम भूभाग के जल स्रोत रिचार्ज होंगे। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी एवं जलागम प्रबंधन से नीना ग्रेवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।