तो क्या जसपुर ने भाजपा के लिए कर रखे हैं अपने दरवाजे बंद?

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महानाद डेस्क : लगता है कि जसपुर ने भाजपा के लिए अपने दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिये हैं। नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव हो, विधायकी का चुनाव हो या फिर सांसदी का, किसी भी चुनाव में भाजपा को जीत न मिलना यही दर्शाता है कि भाजपा कुछ भी कर ले जसपुर से जीत पाना उसके लिए नामुमकिन ही है।

जी हां, जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने प्रेस वार्ता कर बताया कि लोकसभा चुनाव में भी जसपुर की जनता ने एक बार फिर से अपना आशीर्वाद कांग्रेस प्रत्याशी को दिया है।

विधायक आदेश चौहान ने बताया कि लोकसभा चुनाव में जसपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को सबसे अधिक वोट मिले हैं। चौहान ने कहा कि नैनीताल लोकसभा सीट की 14 विधानसभाओं में जसपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को 42,931 मत मिले हैं जबकि भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट को मात्र 39,663 मत प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट पर सिर्फ जसपुर विधानसभा से ही कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिली है। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने प्रत्याशियों के नाम जल्दी घोषित कर देती तो चुनाव का परिणाम कुछ अलग ही होता।

आपको बता दें कि उत्तराखंड राज्य के बनने के बाद जसपुर सीट से पहली बार डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल वर्ष 2002 में निर्दलीय के तौर पर विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वे कांग्रेस में शािमल हो गये और 2007 तथा 2012 में फिर जसपुर से विधायक चुने गये। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गये और जसपुर की जनता ने भाजपा से कांग्रेस में आये आदेश चौहान को 2017 और 2022 में अपना विधायक चुन लिया।

वहीं विदित हो कि जसपुर की जनता ने नगर पालिका चुनावों में भी कभी भाजपा को सत्ता की चाबी नहीं सौंपी। नगर पालिका की कमान भी लंबे समय से कांग्रेस-बसपा के मुख्तार अहमद, फरीदा बेगम, मौ. उमर, नूरजहां बेगम तथा मुमताज बेगम को दी हुई है।

इतने लंबे समय से आ रहे चुनावी परिणामों को देख कर लगता है कि जसपुर ने भाजपा के लिए अपने दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिये हैं।

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