30 अक्टूबर तक उत्तराखंड की हर सड़क हो जाये गड्ढामुक्त : धामी

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-निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का रखा जाय विशेष ध्यान
-आपदा के दौरान अवरुद्ध हो रही सड़कों की की जाए अविलम्ब मरम्मत
-सड़क मरम्मत के लिये अधिकृत जेसीबी पर जीपीएस व्यवस्था को बनाया जाये प्रभावी
-पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे क्रश बेरियर के साथ पेड़ लगाने पर दिया जाए ध्यान
-सड़क निर्माण से जुड़े ठेकेदारों तथा जेसीबी ठेकेदारों के लम्बित देयकों का अविलम्ब किया जाए भुगतान
-सड़कों पर डिवाइडर, रिफलेक्टर, साइनेज व लाइटिंग की व्यवस्था के भी मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश

सुहानी अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान 30 अक्टूबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त किये जाने के निर्देश देते हुए सड़क निर्माण सम्बन्धी कार्यों की टेंडर प्रक्रिया प्रारम्भ कर मानसून के बाद हर हाल में 30 सितम्बर से निर्माण कार्यों में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री धामी ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने तथा आपदा के दौरान अवरुद्ध हो रही सड़कों की अविलम्ब मरम्मत के भी निर्देश दिए हैं। सड़क मरम्मत के लिये अधिकृत जेसीबी पर जीपीएस व्यवस्था को प्रभावी बनाये जाने, पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे क्रश बेरियर के साथ पेड़ लगाने तथा सड़कों पर डिवाइडर, रिफलेक्टर, साइनेज व लाइटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण से जुडे ठेकेदारों तथा जेसीबी ठेकेदारों के लम्बित देयकों का अविलम्ब भुगतान के भी निर्देश दिए हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि प्रदेश में बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिये सड़कों के निर्माण में तेजी लायी जानी होगी। इसके लिये टेण्डर एवं डीपीआर तैयार करने में तकनीकि दक्षता का प्रभावी उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों आदि के निर्माण में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत निर्मित होने वाली सड़कों पर भी समयबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। ट्रॉली पर आवाजाही की निर्भरता कम करने के लिये इन स्थानों पर मोटर व पैदल पुलों के निर्माण में तेजी लाये जाने पर भी मुख्यमंत्री ने बल दिया।

धामी ने कहा कि दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड के तैयार होने के बाद देहरादून शहर पर बढ़ने वाले यातायात के दबाव की चुनौती का सामना करने के लिये रिंग रोड सहित शहर की प्रस्तावित अन्य सड़कों एवं एलिवेटेड रोड आदि की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके लिए रोड कनेक्टिविटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सड़कों के विस्तार के लिए हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने पीएमजीएसवाई की सड़कों की मरम्मत में आ रही कठिनाइयों के निराकरण के लिये इसकी स्पष्ट गाइड लाईन तैयार किये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि सुगम और सुरक्षित यातायात के साथ आमजन के जीवन को सहज, सुगम और समृद्ध बनाने में सड़कों का बडा योगदान रहता है। निर्माण कार्यों से इकोलॉजी के दुष्प्रभावों को कम करने के लिये सड़क निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट के उपयोग पर ध्यान दिये जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।

सचिव लोक निर्माण डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से रिस्पना एवं बिंदाल नदी पर एलिवेटेड रोड निर्माण, ऋषिकेश बाईपास, देहरादून मसूरी संयोजकता, देहरादून व हल्द्वानी शहर के लिए रिंग रोड आदि से संबंधित प्रस्तावों की जानकारी दी। उन्होंने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से राज्य में सड़कों के निर्माण आदि की भी जानकारी दी।

बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग डीके यादव, अधीक्षण अभियंता एनएचएआई विशाल गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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