धार्मिक एकता के बिना हिन्दू सनातन धर्म व संस्कृति हो जायेगी समाप्त

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अनिता धीमान
देवबंद (महानाद) : हिन्दू धर्मावलंबियों में धार्मिक एकता न होने के कारण ही पाकिस्तान, बंग्लादेशऔर अफगानिस्तान सहित भारत के कई भागों में हिन्दू सनातन धर्म के लोगों और पवित्र मन्दिरों को नष्ट किया जा रहा है। यदि समय रहते धार्मिक एकता कायम नही की गई तो हिन्दू धर्म और संस्कृति को समाप्त होने से बचाया नही जा सकता है।

हिन्दू सनातन और आर्य लाखों वर्षों से इस आर्यव्रत भूः पर मौजूद है। हिन्दू से ही नानक देव जी जैसी पुण्य आत्मा जन्मी और सिख धर्म का प्रकाश पृथ्वी पर फैला। जीसस आये तो ईसाई बने। मुहम्मद के आने पर मुसलमान बने। ऋषभदेव आये जैन धर्म उत्पन हुआ। भगवान बु( से बौद्ध धर्म आया! कार्ल मार्क्स से वामपंथ आया था।

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वास्तव में यह सभी धर्म मात्र दो-ढाई हजार वर्ष पूर्व तक ही पृथ्वी पर प्रकाशित हुए हैं। मगर मात्र 1400 वर्ष पूर्व पैदा एक कबीलाई संस्कृति के लोग लाखों वर्ष पूर्व से स्थापित संस्कृति को किस प्रकार नेस्तनाबूद करने में लगे है दुनियॉं के सामने है। इससे पूर्व में भी हिन्दू सनातन और आर्य संस्कृति को अनेक राक्षसों ने समाप्त करने का प्रयास किया था मगर कर नहीं पाये थे। वर्तमान में राजनीति की आड़ में और कितने ही राजनीतिक रावण, कुम्भकर्णी, खर और दूषणों के सहयोग से हिन्दू सनातन और आर्य को आर्यव्रत से समाप्त करने का षड्यंत्र चल रहा है। पाकिस्तान, बंग्लादेश, अफगानिस्तान और भारत में हिन्दू सनातन व आर्य धर्म को समाप्त करने के लिए हमले हो रहे हैं लेकिन यह लाखों वर्ष से अमृतमयी जीवन जीने की पद्धति आज भी कायम है और आगे भी कायम रहेगी। हिन्दू सनातन तथा आर्य का आज भी स्वर्णिम इतिहास कायम है और सूर्य के प्रकाश की भांति दुनियां के प्रत्येक इंसान को प्रकाशमान करते हुए जीओ और जीने देने का संदेश दे रहा है।

जो लोग या तथाकथित धर्म हिन्दू सनातन व आर्य से उपजे हैं वह जान लें कि कृष्ण से पहले राम… राम से पहले जमदग्नि…जमदग्नि से पहले अत्री…अत्री से पहले अगस्त्य …अगस्त्य से पहले पतंजलि … पतंजलि से पहले कणाद…कणाद से पहले याज्ञवल्क्य …याज्ञवलक्य से पहले…
सभी ‘सनातन वैदिक’ धर्मी थे..! अब ‘राजनीतिक शतरंज’ की इन -‘ष्12 चालों’ को, ध्यान से देखें और समझो ….?’

01. “मुगल”, “भारतीय” बन गए…? और, “भारतीय., “काफ़िर”.. ..?
02. “ग़यासुद्दीनखान”:-, मोतीलाल, जवाहरलाल “नेहरू”-इंदिरा,राजीव,-माइनो, “गांधी” बन गए.. ?और.., “भारतीय”, “मूर्ख”….?*
03. “मोमिन”, “कश्मीरी” बन गए… ?और, “कश्मीरी पंडित”, “शरणार्थी”….?
04. “बांग्लादेशी”- “बंगाली” बन गये….?और, “बंगाली”, “बाहरी हिन्दू” …..?
05. “सैनिको” के “हत्यारे” और “पत्थर बरसाने वाले”…., “आंदोलनकारी” बन गए…..? और, “सेना”, “मानवाधिकार उल्लंघनकारी”….?*
06. “टुकड़े- टुकड़े गैंग”, “देशभक्त” बन गया…? और, “देशभक्त”, “ब्रांडेड कट्टर अतिवादी ……?*
07. “चिता की लकड़ी”, “पर्यावरणीय चिंता” बन गई…..? और, “दफनाने” में “बर्बाद होने वाली भूमि”, “जन्मसिद्ध अधिकार” हो गई…..?
08. “राखी” में इस्तेमाल किया गये -“ऊन” से, “भेड़” को “चोट” पहुंची..?, और, “बकरीद” में -“हजारों बकरियों” का “कत्ल”, “धार्मिक स्वतंत्रता” बन गया….?*
09. “तुष्टिकरण”, “धर्मनिरपेक्ष” हो गया…..?जबकि, “समानता”, “कम्यूनल” हो गई….?
10. “हिंदुत्ववादी”, “आतंकवादी” बन गये…?और, “ओसामा जी”…, “हाफिज साहेब”…, और -“हुर्रियत”, “शांति के शिखर”……
11. “भारत माता की जय”, “सांप्रदायिक” हो गया….?और, “भारत तेरे टुकडे होंगे” ,”फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन हो गया”….?*
12.“फूट डालो राज करो” ,”नियम” बन गया…. ?और.., “सबका साथ सबका विकास” “जुमला”..*?
हिन्दू समाज के लोगों को इस विषय पर गम्भीरता से सोचना और समझना चाहिए । चिन्तन की बात है किआखिर एक हिन्दू बहुल देश में ये सब हुआ कैसे…??? यदि ऐसे ही सोए रहे तो पता भी नही चलेगा कब हम “मुस्लिम देश” के “नागरिक” बन गए है?

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