पूर्व विधायक के प्रयास से समाप्त हुई गेहूं क्रय केंद्रों पर खसरा/खतौनी की बाध्यता

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पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : गेहूं क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद में किसानों को खसरा/खतौनी लाने की बाध्यता को सरकार ने खत्म कर दिया है।

पूर्व विधायक एवम् भाजपा नेता डाॅ. शैलेंद्र मोहन सिंघल ने अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि अभी तक किसानों को अपना गेहूं क्रय केंद्र पर बेचने के लिए खतौनी लेकर जाना पड़ता था। खतौनी न होने के कारण किसानों का गेहूं नहीं खरीदा जाता था। किसानों को एक दिन तहसील में खतौनी लेने में लग जाता था। जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था।

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पूर्व विधायक डाॅ. सिंघल ने खाद्य मंत्री बंशीधर भगत से किसानों की परेशानी को लेकर मामले से अवगत कराया था तथा खसरा/खतौनी की बाध्यता को खत्म करने का अनुरोध किया था। खाद्य मंत्री ने उन्हें बताया है कि शुक्रवार से खसरा/खतौनी की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब किसान गेहूं क्रय केंद्रों पर अपना गेहूं बिना खतौनी के ले जाएगा इससे किसानों को भारी राहत मिलेगी।

उधर भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष प्रेम सहोता ने कहा कि उन्होंने भी खाद्य मंत्री से खतौनी की बाध्यता खत्म करने की मांग की थी। मांग पूरी होने पर पूर्व विधायक डाॅ. सिंघल एवम् प्रेम सहोता ने कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत का आभार प्रकट किया है।

इस अवसर पर सुरेंद्र चैहान, वीरेंद्र चैहान, सरदारा सिंह, सरवन सिद्धू, विनोद प्रजापति, सुधीर कुमार, विनीत चैहान आदि उपस्थित थे।

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