इंस्पेक्टर से दरोगा बना रेप सहित 14 आपराधिक मामलों का आरोपी बर्खास्त

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वाराणसी (महानाद) : रेप, धमकी व धोखाधड़ी जैसे 14 आपराधिक मामलों के आरोपी जौनपुर में तैनात सब इंस्पेक्टर अमित कुमार जिसे कि 6 महीने पहले इंस्पेक्टर से डिमोशन कर सब इंस्पेक्टर बनाया गया था, को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर वाराणसी कमिश्नरेट के एसीपी (मुख्यालय एवं अपराध) सुभाष चंद्र दुबे ने बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया है।

बता दें कि मेरठ के पल्लवपुरम में रहने वाला अमित कुमार 2020 में वाराणसी क्राइम ब्रांच में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात था। 8 जनवरी 2020 को मथुरा के कोसीकला क्षेत्र एक युवती ने वाराणसी महिला थाने में अमित के खिलाफ तहरीर देकर अमित पर शादी का झांसा देकर रेप करने सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज करवाया था। पीड़िता ने तत्कालीन एसएसपी से शिकायत की थी कि अमित कुमार उस पर समझौता करने का दबाव बनाता है और समझौता न करने पर उसकी हत्या करने की धमकी देता है।

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जिसके बाद तत्कालीन एसएसपी के आदेश पर कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिससे नाराज होकर अमित ने एसएसपी कैंप कार्यालय में खुद पर पेट्रोल डाल कर आत्मदाह करने की धमकी दी थी। जिसके बाद तत्कालीन आईजी रेंज ने अमित का तबादला वाराणसी से जौनपुर कर पूरे प्रकरण की विभागीय जांच के आदेश दिये थे। वाराणसी पुलिस द्वारा की गई जांच में अमित कुमार को दोषी पाया गया जिसके बाद उसे बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।

आपको बता दें कि अमित कुमार की मेरठ के सिविल लाइन थाना के मानसरोवर क्षेत्र में रहने वाली पत्नी मीनाक्षी पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है और अमित की प्रताड़ना से तंग आकर उससे अलग रहती हैं। मीनाक्षी ने डीजीपी को बताया था कि अमित धोखाधड़ी करके करके सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर पद पर प्रमोट हुआ है। अपने घोषणा पत्र में अमित ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों और जांचों को छुपाया है। मीनाक्षी की शिकायत पर जब इसकी जांच कराई गई तो पत्नी द्वारा लगाये गये आरोप सही निकले जिसके बाद इंस्पेक्टर पद से अमित का डिमोशन कर उसे वापस सब इंस्पेक्टर बना दिया गया।

एसीपी (मुख्यालय एवं अपराध) सुभाष चंद्र दुबे

एसीपी (मुख्यालय एवं अपराध) सुभाष चंद्र दुबे ने अमित कुमार के बर्खास्तगी के आदेश जारी करते हुए कहा ळै कि अमित कुमार ने अपने कृत्यों से पुलिस बल की छवि को धूमिल किया है। रक्षक होते हुए उसने भक्षक का काम किया है। ऐसे दरोगा को पुलिस बल में रहने देने से उसका कुप्रभाव अन्य पुलिसकर्मियों पर भी पड़ेगा। इसके साथ ही समाज में भी एक गलत संदेश जाएगा और पुलिस बल से आमजन का भरोसा उठेगा। इसलिए मैं दरोगा अमित कुमार का नियुक्ति प्राधिकारी होने के नाते पुलिस विभाग की सेवा से उसकी पदच्युति के आदेश जारी करता हूं।

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