काशीपुर : बहन और भांजे ने मिलकर की थी नासिर की हत्या

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आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : पुलिस ने विगत अप्रैल माह में मौ. लक्ष्मीपुर पट्टी में हुई नासिर हत्याकांड का खुलासा करते हुए उसकी सगी बहन और भांजे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

एसपी प्रमोद कुमार ने नासिर हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि विगत 23 अप्रैल को मौहल्ला खालसा निवासी शाकिर हुसैन पुत्र हबीब नूर ने कोतवाली काशीपुर में तहरीर देकर बताया था कि उसके भाई नासिर (45 वर्ष) की किसी ने हत्या कर दी है। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

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एसपी कुमार ने बताया कि प्राथमिक जांच से महसूस हो रहा था कि हत्या के पीछे किसी घर के सदस्य का ही हाथ है। जिसके बाद पुलिस की टीमों द्वारा लगभग 150 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। मृतक नासिर के सगे-संबंधियों से पूछताछ की गई। जांच के दौरान पता चला कि नासिर की बहन अख्तरी और उसका पुत्र मोनिश का घर नासिर के सामने ही है। मृतक नासिर जहाँ रहता था उसे वह इमामबाड़ा बनाना चाहता था और उसकी इच्छा थी कि उसकी कब्र भी इसी स्थान पर बनाई जाये। नासिर की बहन के बगल में स्थित कमरे को वह अपनी भाभी (भाई की पत्नी) को देना चाहता था। जिससे नासिर की बहन अख्तरी और उसका भांजा मोनिश बिल्कुल खुश नहीं थे। इमामबाड़ा बनने की खबर के कारण मोनिश की शादी भी टूट गई थी।

जिस समय नासिर की हत्या हुई उस समय रमजान का महीना चल रहा था। उस दौरान लोग दो बजे से पहले सोते नहीं हैं। और सहरी के समय मुस्लिम परिवार जल्दी उठ जाता है। सुबह लगभग चार बजे पड़ोसी शानू नासिर से मिलने जा रहा था। अख्तरी ने उससे कहा कि नासिर अभी सो रहा है, जिस पर शानू वापिस चला गया। कई अन्य गवाहों ने भी अख्तरी और मोनिश के सुबह से उठने और दोनों के घरों के बीच का दरवाजा खुला होने को लेकर संदेह व्यक्त किया था।

जिसके बाद अख्तरी और मोनिश से पूछताछ की गई। शुरुआत से ही आरोपी मां-बेटे अपने बयान बदलते रहे और पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सके। और आखिरकार अपन ागुनाह कबूल कर लिया। आरोपी मां बेटे नासिर की पूरी जमीन पर अपना कब्जा चाहते थे, इसलिए रात के समय दोनों ने मिलकर नासिर का गला घोट दिया और हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए उसके शव को गमछे से लटका दिया। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नासिर की हत्या गला घोटकर

एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि नासिर की मौत से सिर्फ उसकी बहन अख्तरी और उसके बेटे को ही फायदा होना था। पुलिस के पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि नासिर की हत्या को दोनों मां बेटे ने ही अंजाम दिया था। आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त गमछा भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। दोनों मां-बेटे ने अपना जुर्म कबूल करते हुए पुलिस को बताया कि मृतक नासिर दरगाहों और मस्जिदों के आसपास भीख मांग कर पैसा कमाता था और वसीयत किए हुए था कि उसके मरने के बाद उसके घर में ही उसकी कब्र बनाकर दफन किया जाए।

नासिर की हत्या का पर्दाफाश करने वालों में कोतवाल जीबी जोशी, एसएसआई देवेंद्र गौरव, एसआई ओमप्रकाश, रविंदर सिंह, कांस्टेबल दीवान बोरा, महेंद्र डंगवाल, सुरेंद्र सिंह तथा जगदीश फर्त्याल शामिल थे।

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