काशीपुर : भूत बंगला बना सीतापुर आई हॉस्पिटल, देखें वीडियो

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एफयू खान
काशीपुर (महानाद) : सन 1985 में स्थापित सीतापुर आई हॉस्पिटल आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता नजर आ रहा है। और सरकार की अनदेखी के चलते आज भूत बंगला बन कर रह गया है। कभी इस अस्पताल में दूर-दूर से 300-400 मरीज अपनी आंखों का चेकअप कराने आते थे। लेकिन आज अगर इसे देखें तो इसकी बिलिडंग भयावह नजर आती है। मरीज इसमें घुसना तो दूर देखकर ही डर जाते हैं।

बता दें कि सरकारी अस्पताल के पीछे, विजयनगर नई बस्ती में स्थित खंडहर होते सीतापुर आई हॉस्पिटल में आज भी 5 लोगों का स्टाफ कार्य कर रहा है जिसमें डॉ. एके सारस्वत, कंपाउंडर मौहम्मद साकिब, रामनरेश सिंह, सफाई कर्मी मुन्नी देवी और चौकीदार राजेश शामिल हैं। स्थानीय विधायक हरभजन सिंह चीमा ने भी कई बार इस के कायाकल्प के लिए बीड़ा उठाया। उनके अथक प्रयासों से इसके जीर्णाेद्धार के लिए सरकार से दो करोड़ रुपए भी अवमुक्त हुए लेकिन वह पैसा अभी तक अस्पताल के जीर्णाेद्धार के लिए नहीं पहुंच पाया है।

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आज भी यहां पर दर्जनों मरीज इस जर्जर हालत में पहुंच चुकी बिल्डिंग में आकर अपना इलाज कराते हैं। बिल्डिंग कब भरभरा कर गिर जाए इससे कभी इनकार नहीं किया जा सकता। अपनी जान जोखिम में डालकर लोग यहां पर अपना इलाज कराने आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस अस्पताल के बराबर में लाश घर है रात को यहां पर छम-छम की आवाजें भी सुनाई देती हैं। मजे की बात तो यह है कि आज तक इस हॉस्पिटल का उद्घाटन नहीं हो पाया है। शिला पट आज भी खाली पड़ा है।

विदित हो कि सबसे पहले इसके उद्घाटन के लिए देश की प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को आमंत्रित किया गया था। उसके बाद राजीव गांधी को भी आमंत्रित किया गया। उसके बाद उ.प्र. के ततकालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर को आमंत्रित किया गया। लेकिन दुख का विषय है कि तीनों ही इस दुनिया से रुखसत हो गए और उद्घाटन स्थल तक नहीं पहुंच पाए।

आपको अवगत करा दें कि इस अस्पताल का सपना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी ने देखा था और उन्होंने ही इस अस्पताल को बनवाया था।

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