काव्यांजलि : देश धर्म के खातिर जिसने चारों बेटों को खोया, पर उन वीरों के लिए सारा भारत रोया था

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : सिख धर्म के संस्थापक एवं दशम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी की पावन जन्म जयंती के गौरवशाली दिवस पर भव्य काव्यांजलि का आयोजन श्याम माॅडर्न जूनियर हाईस्कूल द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय एथलीट उत्तराखंड एथलेटिक्स सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन विजेंद्र चैधरी, चंद्रावती कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. दीपिका गुड़िया आत्रेय, नगर निगम के पूर्व पार्षद अब्दुल कादिर, विद्यालय की प्रधानाचार्या शालिनी शर्मा, अमित कुमार शर्मा एवं ओज कवि अनिल सारस्वत के द्वारा मां सरस्वती जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर एवं श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि अर्पित कर भव्य काव्यांजलि का शुभारंभ किया गया।

सर्वप्रथम अनुश्री भारद्वाज के द्वारा मां सरस्वती जी की मधुर कंठ से वंदना, शेष कुमार सितारा द्वारा ओजपूर्ण काव्य पाठ, वेद प्रकाश विद्यार्थी भैया के द्वारा ओजपूर्ण काव्य पाठ, राम प्रसाद अनुरागी द्वारा शानदार श्रंगार गीत, सोमपाल प्रजापति द्वारा मधुर गीत, कैलाश चंद्र यादव द्वारा श्रंगार गीत, सुरेंद्र अग्रवाल द्वारा भक्ति गीत, अनुश्री भारद्वाज द्वारा मधुर वंदन, अनिल सारस्वत द्वारा श्री गुरु गोविंद सिंह को समर्पित ओजपूर्ण काव्यपाठ से नमन एवं प्रधानाचार्या शालिनी शर्मा के द्वारा संबोधन एवं आभार प्रकट किया गया।

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काव्यांजलि की अध्यक्षता अमित कुमार शर्मा एवं संचालन अनिल सारस्वत ने किया। अन्त में विद्यालय की प्रधानाचार्या शालिनी एवं अतिथियों के द्वारा सभी काव्य मनीषियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस मौके पर विकल्प गुड़िया, अरविंद वर्मा, सुमित कुमार शर्मा, रागिनी शर्मा, तनुश्री भारद्वाज आदि उपस्थित थे।

काव्यांजलि :

1. देश धर्म के खातिर जिसने चारों बेटों को खोया ।
पर उन वीरों के लिए सारा भारत रोया था।
उन गुरु गोबिंद सिंह जी को हम शीष नवाकर नमन करें।
उनके जन्मदिवस पर अपनी बुराईयों का हवन करें।
– सोमपाल प्रजापति

2. बहारों गीत तुम गाओ,मैं सजनी घर पे लाया हूं
बजाओ बैंड बाजा भी, मैं सजनी घर पे लाया हूं।
– सुरेंद्र अग्रवाल

3. तुम कहानी कहोगे हम गीत लिख देंगे,
तुम्हारी कहानी में अपनी प्रीत लिख देंगे।
तुम्हें मालूम नहीं की प्यार होता है क्या,
तुम्हारी उस बेवफाई की रीत लिख देंगे।
– राम प्रसाद अनुरागी

4. आंगन में दीवारे खीचना कैसा लगता है
अलग-अलग होली का जलना कैसा लगता है
शेष कुमार सितारा

5. नमन उन पगड़ियों को है जिन्होंने गर्दनें दे दीं
वतन और धर्म की रक्षा मेें बेटों की बलि दे दी।
– अनिल सारस्वत

6.सत्य के मार्ग पर अकेला चलो, कौन आता साथ तुम्हारे।।
अकेला चलो विधार्थी भैया की राह पर, चल कर मंजिल मिल जरूर जायेगी।
– विधार्थी भैया

7. लिख सके किस्मत तेरी तू खुद से अब ये ठान ले।
तू शक्ति को पहचान है इस बात को अब मान ले।।
– अनुश्री भारद्वाज

8. मेरा दिल ये बोले मेरा दिल ये बोले,
वतन मेरा आज़ाद रहे चमन मेरा आबाद रहे,
धरती मेरी सोना उगले, हीरों की बरसात रहे।
– कैलाश चन्द्र यादव

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